द फॉलोअप डेस्क
कनाडा में लगातार हो रही भारत विरोधी गतिविधियों और खालिस्तानियों को मिलने वाली खुली छूट के बीच एक राहत की खबर आयी है। इससे खालिस्तानियों को बड़ा झटका लगा है। यह आदेश टोरंटो के स्कारब्रॉ में स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया गया है। मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले में ओंटारियो के कोर्ट ने कहा- मंदिर में कॉन्सुलर कैंप के दौरान 100 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू रहेगी। वहीं, बिना इजाजत कोई भी मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाएगा।कोर्ट ने क्या कहा
सुपीरियर कोर्ट ऑफ जस्टिस के जज ने गुरुवार 28 नवंबर को कहा कि मंदिर द्वारा मांग की जा रही है कि परिसर के 100 मीटर के दायरे में उपद्रवी ना पहुंच पाएं। इसके लिए निषेधाज्ञा की आवश्यकता है। इस याचिका में पिछले मामलों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने मंदिर के पक्ष में आदेश दिया और निषेधाज्ञा की इजाजत दी है। अदालत ने कहा कि इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि मंदिर पर हमला हो सकता है। वहीं, कॉन्सुलर कैंप में बुजुर्ग लोग पहुंचते हैं। ऐसे में अगर मंदिर पर हमला होता है, तो लोगों को जान का भी नुकसान हो सकता है।
पहले भी कॉन्सुलर कैंप को अपना निशाना बना चुके हैं खालिस्तानी
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा, अगर कोर्ट निषेधाज्ञा नहीं लगाता है, तो गंभीर क्षति हो सकती है। वहीं, इस मामले को लेकर कोर्ट ने टोरंटो पुलिस को निर्देश दिया है कि अगर कोई बिना इजाजत मंदिर में प्रवेश करनी की कोशिश करता है, तो उसे गिरफ्तार किया जाए। साथ ही उसपर एक्शन भी लिया जाए। बताया जा रहा है कि यह नियम शनिवार सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक लागू होगा। जानकारी हो कि खालिस्तानी पहले भी मंदिर में लगने वाले कॉन्सुलर कैंप को अपना निशाना बना चुके हैं।खालिस्तानी करते हैं भारतीय दूतावास का विरोध
बता दें कि खालिस्तानी भारतीय दूतावास का विरोध करते हैं। वहीं, सप्ताह के अंत में इंडिया मिशन द्वारा कनाडा में आखिरी बैच का कॉन्सुलर कैंप आयोजित किया जाने वाला है। इस दौरान लक्ष्मी नारायण मंदिर के अलावा सूरी में भी कैंप का आयोजन होगा। पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था और खालिस्तानियों के हमले के कारण बीते सप्ताह भी शिविरों का आयोजन कैंसल कर दिया गया था। जानकारी हो कि 3 नवंबर को ब्राम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानियों ने हमाल किया था। इसके बाद कई लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।