द फॉलोअप डेस्क
सीएम हेमंत सोरेन ने आज बताया है कि कैसे बीजेपी झारखंड में शेडो कैंपेन के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर नफरत फैला रही है और समाज को बांटने का काम कर रही है। सोरेन ने कहा है कि बीजेपी ने करोड़ों रुपये खर्च कर सामाजिक सौहार्द को नाश करने के लिए विज्ञापन जारी किये हैं। सोरेन ने इसके लिए ‘दलित सोलिडरिटी फोरम ; हिंदूज फोर ह्यूमन राइट्स इंडिया सिविल वॉच इंटरनेशनल’ की एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसका प्रकाशन हाल ही में हुआ है। सोरेन इसे सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए कहा, मैं ग़लत नहीं बोलता हूं, जब कहता हूं कि भाजपा झूठ और नफ़रत की शोरूम है। कहा कि हम झारखंडियों को विरासत में संघर्ष मिला, पुरखों की वीरता का पाठ मिला, पर इन तानाशाहो को सिर्फ और सिर्फ नफ़रत फैलाने का ज्ञान मिला। कहा कि करोड़ों - करोड़ रुपये खर्च कर ये कैसे नफ़रत, हिंसा, सामाजिक विद्वेष और मेरे ख़िलाफ़ झूठ फैला रहे हैं, इसके लिए ये एक रिपोर्ट देखनी चाहिये।
क्या है रिपोर्ट में
ये रिपोर्ट बताती है कि झारखंड में 2024 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अगस्त, सितंबर और अक्टूबर के महीनों में मेटा पर राजनीतिक विज्ञापनों पर कम से कम 2.25 करोड़ रुपये खर्च किए गए। यह संख्या संभवतः एक अनुमान है, जिसमें केवल उन विज्ञापनों को शामिल किया गया है जो खुद को राजनीतिक विज्ञापन घोषित करते हैं। जैसा कि कई जांचों में पाया गया है, मेटा पर अधिकांश राजनीतिक विज्ञापनों को ऐसा घोषित नहीं किया जाता है। मेटा पर चलने वाले कुल घोषित राजनीतिक विज्ञापनों में से लगभग 33 फीसद प्रतिशत व्यय भाजपा के आधिकारिक पेज पर 3080 विज्ञापनों पर किया गया। जिसमें न्यूनतम 10 करोड़ इंप्रेशन प्राप्त हुए, जिसका व्यय 97.09 लाख8 रहा।
इसी तरह झारखंड में एनडीए गठबंधन का हिस्सा आजसू पार्टी ने चुनावों से पहले 244 विज्ञापनों पर न्यूनतम 86 लाख इंप्रेशन प्राप्त करते हुए न्यूनतम 1 लाख रुपये खर्च किए हैं। हालांकि, शेडो विज्ञापनदाताओं से जुड़े कम से कम 87 पहचाने गए छाया खातों ने लगभग समान राशि खर्च की है, जो इस समय अवधि में कुल राजनीतिक विज्ञापन खर्च का 36% है। मेटा पर भाजपा और संबद्ध खातों के विज्ञापन खर्च को मिलाकर मेटा पर राजनीतिक विज्ञापनों पर सभी विज्ञापन खर्च का 75% हिस्सा है। मेटा पर भाजपा द्वारा विज्ञापन खर्च की पहचान करने के लिए इस्तेमाल की गई पद्धति के अनुसार, अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों जैसे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) झारखंड और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने मेटा पर राजनीतिक विज्ञापनों पर खर्च नहीं किया। यह संभव है कि उन्होंने अन्य माध्यमों से मेटा पर विज्ञापन खरीदे हों।
मैं ग़लत नहीं बोलता हूँ जब कहता हूँ की भाजपा झूठ और नफ़रत की शोरूम है।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) November 6, 2024
हम झारखंडियों को विरासत में संघर्ष मिला, पुरखों की वीरता का पाठ मिला - पर इन तानाशाहो को सिर्फ और सिर्फ नफ़रत फैलाने का ज्ञान मिला।
करोड़ों - करोड़ रुपये खर्च कर देखिए ये कैसे नफ़रत, हिंसा, सामाजिक विद्वेष… pic.twitter.com/h4vBaZMDlR
रिपोर्ट बताती है कि गूगल पर अकेले भाजपा ने 31 जुलाई से 28 अक्टूबर, 20249 के बीच झारखंड में विज्ञापनों पर करीब 71.82 लाख रुपये खर्च किए हैं। दोनों प्लेटफॉर्म पर भाजपा और उसके संबद्ध खातों द्वारा पिछले 3 महीनों में कुल आधिकारिक विज्ञापन खर्च लगभग 2.49 करोड़ रुपये है। फिर से, ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि अन्य दलों द्वारा गूगल पर राजनीतिक विज्ञापनों पर कोई खर्च किया गया है। हम गूगल और मेटा विज्ञापन लाइब्रेरी के बीच दो प्राथमिक अंतर देखते हैं। सबसे पहले, गूगल पर मेटा की तरह ही छाया विज्ञापनदाता नेटवर्क नहीं दिखते हैं। दूसरे, परिणामस्वरूप, इन विज्ञापनों की सामग्री सरकारी नीति और कल्याण कार्यक्रमों के अनुरूप प्रतीत होती है, न कि छाया विज्ञापनदाताओं द्वारा देखे जाने वाले हमलावर विज्ञापनों की तरह। यह प्रति इंप्रेशन अभियान की लागत या इन प्लेटफॉर्म द्वारा प्रदान किए जाने वाले विज्ञापन प्रारूपों और सेवाओं के प्रकार के कारण हो सकता है। यह सबसे अधिक संभावना है कि प्लेटफ़ॉर्म द्वारा सत्यापन के सख्त प्रवर्तन के कारण, यह दर्शाता है कि प्लेटफ़ॉर्म की इच्छा होने पर छाया विज्ञापनदाताओं पर लगाम लगाना संभव है।