रांची
कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने आज बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार को अस्थिर करने के लिए असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने उनको भी फोन किया था। कहा कि बिस्वा ने उनको तीन साल पहले ही फोन किया था। मीडिया से बातचीत में तिर्की ने कहा कि कुछ लोगों को झाड़फूंक करने की आदत होती है। यही आदत असम के सीएम को भी है। लेकिन झारखंड में उनकी दाल गलने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि झाऱखंड में पिछले 3-4 महीने से एक तांत्रिक बाबा घूम रहे हैं। कहा कि तांत्रिक बाबा से उनका मतलब असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा से है। कहा ये ऐसे तांत्रिक बाबा है जो सांप्रदायिक भावना को भड़काते हैं। इसके लिए वे घुसपैठ मुद्दे का सहारा लेकर जहरीली बातें कर रहे हैं। झारखंड का जो सामाजिक ताना-बाना है, उसे बिगाड़ने का काम कर रहे हैं।
बंधु ने खुलासा किया कि तीन साल पहले हिमंता ने उन्हें भी फोन कर हेमंत सरकार को अस्थिर करने के लिए बड़ा ऑफर दिया था। बंधु ने कहा, बिस्वा मुझे गंगा में हाथ धोने की बात कह रहे थे। बंधु ने आरोप लगाया कि वो फर्जी घुसपैठ की अफवाह फैलाते हैं.लेकिन झारखंड में उन्हें कुछ हाथ नहीं लगने वाला है। उन्हें बताना चाहिए कि असम से कितने घुसपैठियों को उन्होंने बाहर निकाला।
तिर्की ने कहा कि झारखंड को लेकर बिस्वा सरमा को चिंता होती तो वे बंद एचईसी को खुलवाने की बात करते। कहा कि केंद्र में उनकी पार्टी की सरकार है। लेकिन उन्होंने एक बार भी इस बारे में बात नहीं की।
तिर्की ने कहा कि एचईसी कारखाना का अकाउंट फ्रीज हो गया है। इसके बारे में बिस्वा कोई बात नहीं करते, जबकि केंद्र में उन्ही की पार्टी की सरकार है। कहा कि झारखंड से लोग पलायन करके दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए चले जाते हैं। हिमंता अगर यहां की सोचते तो वो पलायन करने वाले लोगों के लिए रोजगार की बात करते, लेकिन इस बारे में उन्होंने कभी बात नहीं की। बंधु ने आगे कहा कि राज्यभर में जिन आदिवासियों की जमीन लूट ली गयी है, उनकी जमीन वापस कैसे हो, इसकी बात भी हिमंता बिस्वा को करनी चाहिये। बंधु ने कहा कि जमीन शब्द सुनते ही जैसे उनको सांप सूंघ जाता है। सरना अलग धर्म कोड के बारे में भी वो कुछ नहीं बोलते हैं। कहा चाय बगानों में टी ट्राइव के रूप में असम में आदिवासी मौजूद हैं। इनको एमओबीसी के नाम से जाना जाता है। कहा कि हिमंता को असम में ऐसे आदिवासियों को जनजाति का दर्जा देना चाहिये। लेकिन बिस्वा सिर्फ आदिवासी का दंभ भरेंगे। उनको जनजाति का दर्जा नहीं देंगे।
बंधु ने कहा कि झारखंड में वो घुसपैठिया घुसपैठिया शोर करते रहते हैं। लेकिन असम से उन्होंने कितने घुसपैठिया को बाहर किया है, इसे देश को बताना चाहिये। बंधु ने कहा कि बिस्वा को झाऱखंड को समझना होगा। झारखंड के लोग दूसरे राज्यों के लोगों की तरह नहीं हैं। कहा कि आप में (हिमंता बिस्व सरमा में) अगर हिम्मत है तो यहां के आदिवासियों की लूटी गयी जमीन को वापस दिलाने की बात करें। कहा कि बिस्वा ने बयान दिया कि मंईयां सम्मान योजना से भी बड़ी योजना लायेंगे। इस पर कहा कि ये तो बहुत साफ है कि ये कौन सी योजना लायेंगे। बंधु ने दावा कि मंईयां सम्मान योजना के खिलाफ जो पीआईएल दर्ज किया गया है, वो बीजेपी के इशारे पर किया गया है। बंधु ने कहा कि ये बात वे पूरी जिम्मेदारी से बोल रहे हैं। कहा कि मेरे उपर भी इसी तरह का आरोप लगाकर बीजेपी के राहुल शर्मा ने केस किया था, जिसका जवाब ये लोग यानी बीजेपी आज तक नहीं दे पायी।
हिमंता बिस्वा सरमा द्वारा तीन साल पहले दिए गए ऑफर को लेकर पत्रकारों ने जब बंधु तिर्की से सवाल किया कि आपने इसकी शिकायत क्यों नहीं की तो बंधु तिर्की ने कहा, हमने उनको फोन पर ही डांटा था। पूरी बात वीडियो कॉल पर हुई थी। बंधु तिर्की ने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा दोहरी नीति वाले नेता हैं कभी मंईयां योजना का विरोध करते हैं, कभी इससे भी बड़ी योजना लाने की बात करते हैं। असल में मंईयां योजना के ज़रिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जिस तरह से प्रदेश के गरीब गुरबों का दिल जीत रहे हैं, ये बीजेपी को रास नहीं आ रहा। बंधु ने कहा कि हिमंता ने हेमंत सरकार के खात्मे की सुपारी ले रखी है। लेकिन कुछ ही महीनों में चुनाव है। पता चल जाएगा कि ये असम नहीं झारखंड है। यहां के लोग अलग हैं।