द फॉलोअप डेस्क
असम सरकार ने रविवार को नीट परीक्षा में 3 महत्वपूर्ण बदलावों को मंजूरी दी है। अब से नीट परीक्षा केवल सरकारी संस्थानों और केंद्रों में आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही परीक्षा की पूरी प्रक्रिया की निगरानी जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी करेंगे और छात्रों के बायोमेट्रिक डेटा की जांच भी परीक्षा में बैठने से पहले की जाएगी।
सीएम ने क्या बताया
इसे लेकर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों के प्रोफेसरों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कई छात्र नीट में अच्छे अंक प्राप्त करने के बावजूद अपने कोर्स में अच्छे प्रदर्शन नहीं कर पाते। इस पर विचार करते हुए उन्होंने डेढ़ साल पहले असम पुलिस की विशेष शाखा को इस मामले की जांच का निर्देश दिया था। जांच में यह सामने आया कि राज्य में कई निजी संस्थान नीट की परीक्षा आयोजित कर रहे हैं, जहां कुछ अनुचित तरीकों का इस्तेमाल हो सकता है। उम्मीदवारों का बायोमेट्रिक विवरण लिया जाएगा
इस संबंध में सीएम ने आगे कहा कि असम कैबिनेट ने यह निर्णय लिया है कि अब से नीट परीक्षा केवल सरकारी संस्थानों में ही होगी, जहां जिला प्रशासन और पुलिस की निगरानी में पूरी परीक्षा प्रक्रिया होगी। इसके साथ ही प्रत्येक उम्मीदवार का बायोमेट्रिक विवरण लिया जाएगा, जिससे किसी भी तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बताया कि असम राज्य में कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करने और विनियमित करने के लिए एक नया अधिनियम लाया जाएगा। यह राज्य में बढ़ते हुए कोचिंग सेंटरों को एक प्रणाली के तहत लाएगा।
इन पर मिली कैबिनेट की मंजूरी
जानकारी हो कि कैबिनेट ने श्रीमंत शंकरदेव स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2007 में भी संशोधन को मंजूरी दी है। इसके तहत अब निजी नर्सिंग, डेंटल और फार्मेसी कॉलेजों को संचालन शुरू करने से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करनी होगी। साथ ही उन्हें धर्मनिरपेक्ष बनाए रखने की शर्त पूरी करनी होगी। वहीं, इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि असम में स्थापित होने वाले किसी भी नए निजी विश्वविद्यालय को पहले राष्ट्रीय सुरक्षा मंजूरी लेनी होगी और उन्हें धर्मनिरपेक्ष बने रहना होगा। यदि इन शर्तों का उल्लंघन हुआ, तो विश्वविद्यालयों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे।