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कहते हैं जिनके अंदर मेहनत करने की क्षमता और सच्ची लगन होती है, उनके लिए कोई भी परेशानी बड़ी नहीं होती। जीवन की हर परिस्थितियों से लड़कर वह सफलता जरुर हासिल करते हैं। उन्हीं में से एक हैं पलामू जिले के पांडू गांव के कुमार सौरव । कुमार सौरव के गाव में आज जहां देखो उन्हीं की चर्चा है क्योकिं उन्होने यूपीएससी में 357वां रैंक हासिल किया है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह सफलता सौरव ने तंगहाली और आर्थिक अभाव में रहकर हासिल किया है। सौरव के पिता का 8 साल पहले निधन हो गया था।
दुकान में काम करते थे पिता
पांडू गांव के कुमार सौरव के पिता दिलीप पांडेय दिल्ली में एक छोटी सी दुकान में काम किया करते थे। वे अपने परिवार के साथ दिल्ली में ही रहते थे। लेकिन किसी बीमारी के कारण 8 साल पहले इस दुनिया को छोड़ गये, इसके बाद तो जैसे सौरव पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। पिता के जाने के बाद सौरव अपनी मां और बहन लेकर पलामू अपने गांव आ गये थे।
बहन मदद करती थी
सौरभ ने रामचंद्र चंद्रवंशी वेलफयर इंस्टीच्यूट विश्रामपुर से अपनी 10वीं की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद कल्याण उच्च विद्यालय से 12वीं की। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया। ग्रेजूएशन के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की और सफल हो गये। आज हर तरफ सौरव की सफलता के चर्चे उनके गांव में है। सौरव ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी बहन को भी दिया है। सौरव ने कहा है कि उनकी बहन जब वह दिल्ली में रहते थे तो मदद किया करती थी। गांव में ट्यूशन पढ़ाकर जो रुपये जमा करती थी, वह पढ़ाई के लिए भाई को भेजती थी।