द फॉलोअपट डेस्क
उत्तरकाशी के सुरंग में फंसे झारखंड के 15 मजदूरों को रेस्क्यू के बाद एयरलिफ्ट कर लाया जायेगा। इसके लिए हेमंत सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। बता दें कि उत्तरकाशी के टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रात-दिन ड्रिलिंग जारी है। ताजा अपडेट के अनुसार रेस्क्यू टीम मजदूरों से अब सिर्फ 5 किमी की दूरी पर है। टनल में कुल 41 मजदूर फंसे है। इसमें सबसे अधिक झारखंड के 15 मजदूर जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। बहरहाल, झारखंड के संयुक्त श्रम सचिव ने बताया है कि मजदूरों के सुरंग से बाहर निकलने के बाद एयरलिफ्ट कर झारखंड लाया जायेगा। इससे सुरंग में फंसे मजदूरों के परिजनों ने राहत की सांस ली है।
झारखंड की सरकार लगातार नजर बनाये हुए है
टनल में फंसे मजदूरों पर झारखंड सरकार लगातार नजर बनाये हुए है। झाऱखंड से अधिकारियों का एक दल उत्तराखंड भेजा जा चुका है। इस मामले पर सीएम हेमंत सोरेन चिंता जता चुके हैं। सीएम ने कहा है कि सुरक्षा उपायों पर खास ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर चिंता जाहिर की है कि उत्तराखंड में हालिया कुछ महीनों में इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं। वहीं, जानकारों का कहना है कि टनल में 11 दिनों से फंसे मजदूर शारीरिक और मानसिक, दोनों तरह के तनाव से जूझ रहे हैं।
हर संभव तरीका अपना रही है एनडीआरएफ की टीम
बता दें कि टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए 3 तरह से अप्रोच किया गया है। अभी हॉरिजेंटल खुदाई चल रही है और सुरंग के समानांतर मजदूरों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। बीच में काम रोकना पड़ा क्योंकि वहां की मिट्टी बहुत नर्म है और मशीनें भारी। वहीं, एक बार रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा क्योंकि बीच में विशाल चट्टान आ गया था। वहीं, बीआरओ के सहयोग से अप्रोच रोड बनाकर मशीनों को पहाड़ी के ऊपर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि वर्टिकल खुदाई कर मजदूरों तक पहुंचा जा सका। एनडीआरएफ के सेकेंड इन कमान ने कहा कि हम हरसंभव तरीका अपना रहे हैं। जिस भी तरीके से पहले सफलता मिल जाएगी, अच्छा रहेगा।
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