द फॉलोअप डेस्कः
सीतापुर के पाल्हापुर गांव में 6 लोगों की हत्या कर दी गई थी। शुरुआत में यह बात निकल कर आई थी कि पारिवारिक विवाद में परिवार के मुखिया ने ही मां, पत्नी और तीन बच्चों का कत्ल कर दिया था. इसके बाद उसने खुद भी आत्महत्या कर ली थी. पुलिस भी यही मानकर चल रही थी, लेकिन जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पता चला कि छोटे भाई ने ही प्रॉपर्टी के लिए मां, भाई और उसके पूरे परिवार की हत्या कर दी थी। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म भी स्वीकार कर लिया है।
आरोपी पहले एक कत्ल करना चाहता था। लेकिन एक कत्ल करने के दौरान घर में सो रहे दूसरे शख्स की नींद खुल गई, तो उसे दूसरे को भी मार दिया। इसके बाद तीसरे नंबर पर अपने भाई को भी मार दिया। तीसरा कत्ल करने के बाद जब भतीजी ने आंखों से अपनी मां, दादी और पापा को मरते हुए देखा तो कातिन ने उसे भी नहीं छोड़ा बच्ची पर भी गोली चला दी। इसके बाद कातिल ने सोचा बाकी बचे दोनों बच्चों को क्यों छोड़ा जाए? फिर उसने बाकी के दो बच्चों को भी मार देता हूं। उनके सिर पर भी हथौड़े से वार किया और आखिर में एक-एक कर तीनों बच्चों को ऊपर ले जाकर छत से नीचे फेंक दिया।
इस कत्ल का खुलासा ऐसी गोली से हुआ, जिसे कातिल ने चलाया किसी और पर था, लेकिन वो गोली दूसरे शख्स के शरीर में जा घुसी। इसी गोली ने छह कत्ल के इस पूरे मामले का खुलासा कर दिया। हत्यारे अजीत सिंह ने अपने भाई अनुराग सिंह पर अपने बीवी-बच्चों और मां की हत्या करने के बाद खुद को भी गोली मार लेने का इल्जाम लगाया था, जिस पर पुलिस जांच कर रही थी।
अनुराग सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, तो पता चला कि उसके सिर में दो गोलियां लगी हैं। जिस अनुराग पर अपने घरवालों की हत्या करने के बाद आत्महत्या करने का आरोप लगा था, जबकि वो तो खुद ही किसी कातिल का शिकार बना था। उसके सिर में दो गोलियां लगी थी इससे ये तो साफ हो गया था कि उसने आत्महत्या नहीं की। कोई भी इंसान एक-एक कर अपने सिर पर दो गोली नहीं मार सकता। दरअसल कातिल ने गोली तो एक ही मारी थी, लेकिन दूसरी गोली गलती से लग गई। उसको इसका आभास भी नहीं हुआ। इसी गोली ने इस हत्याकांड का राज खोल दिया।
दरअसल, उसने अपने भाई अनुराग की जिस 12 साल की बेटी को मारने के लिए उसके सिर में गोली मारी थी, वो गोली उसके गले में लगने के बाद आर-पार निकल गई। यही गोली फिर से अजीत के भाई अनुराग के सिर में जा लगी। इसी दूसरी गोली ने ये राज खोला कि ये मामला पांच कत्ल के बाद सुसाइड का नहीं बल्कि छह कत्ल का है।
एक ही रात हुए छह कत्ल की इस वारदात के पीछे ज़मीन जायदाद का झगड़ा ही इकलौती वजह थी।
जैसे ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सभी छह मौतें हत्या होने की बात पता चली, पुलिस के शक की सुई घर में मौजूद दूसरे भाई की तरफ घूम गई। तफ्तीश में पुलिस को पता चला है कि दोनों भाइयों के पास गांव पाल्हापुर में ही 80 बीघा ज़मीन थी। जिसका दोनों भाइयों के बीच 40-40 बीघा के तौर पर बंटवारा होना था। लेकिन दिक्कत ये थी कि दोनों भाई की नजर एक ही 40 बीघा ज़मीन के टुकड़े पर थी और दूसरे 40 बीघा में किसी का ज्यादा इंटरेस्ट नहीं था। फिर दोनों भाइयों ने सरकार से करीब 30 लाख रुपए का लोन भी ले रखा था और इसको चुकाने का भार एक दूसरे पर डाल रहे थे, जिसे लेकर लड़ाई हुआ करती थी।
अनुराग की पत्नी प्रियंका का दखल भी इन मामलों में ज्यादा ही था। वो अपने पति का साथ देती थी और उसे अजीत के फैसलों के खिलाफ अड़े रहने को कहती थी। अजीत अपनी भाभी प्रियंका से नाराज था। वो उसका कत्ल करना चाहता था। 10 और 11 मई की रात को उसने भाभी के कत्ल की तैयारी पहले से ही कर ली थी। साजिश के मुताबिक उसने अपने बीवी बच्चों को लखनऊ के चिनहट भेज दिया था, जहां उसका ससुराल है। उसकी योजना थी कि वो रात को पूरे परिवार के खाने में धोखे से नींद की गोलियां मिला देगा, जिससे सारे लोग गहरी नींद में सो जाएंगे। इसके बाद वो अपनी भाभी की जान ले लेगा।
लेकिन इत्तेफाक से उस रात अनुराग और प्रियंका अपने बच्चों के साथ बाहर से खाना खा कर आ गए। पूरे परिवार के खाने में नींद की गोलियां मिलाने का अजीत का प्लान फेल हो गया। लेकिन चूंकि वो पहले से तैयारी किए बैठा था, तो उसने तय किया कि वो अपनी भाभी की हत्या तो हर हाल में करेगा। वारदात वाली रात अनुराग नीचे ग्राउंड फ्लोर पर सोया था, जबकि ऊपर की मंजिल पर अनुराग और अजीत की बुजुर्ग मां एक कमरे में सोई थी और दूसरे कमरे में अनुराग और प्रियंका के तीन बच्चे सोए थे। प्रियंका पहली मंजिल के बरामदे पर सोई थी। सभी गहरी नींद में थे।
उस रात करीब 3 बजे अजीत ने पहले अपनी भाभी प्रियंका के सिर में एक गोली मारी और फिर उसके चेहरे पर हथौड़े से दो वार किए। इसी बीच मां सावित्री देवी की नींद खुल गई और बेटे ने अपनी मां के सिर पर हथौड़े से कई वार किए और उनकी जान ले ली। उधर, दूसरे कमरे में सो रहे बच्चों में से 12 साल की बेटी आरना की नींद खुल गई थी। इस बीच नीचे जा कर अजीत ने अपने भाई के सिर में एक गोली मार दी। तब घबराई बच्ची अपने पापा को ढूंढती हुई नीचे चली आई और बस यहीं चाचा ने उसके गले में भी एक गोली मार दी।
यही गोली उसके गले के छेदती हुई आगे निकल गई और अनुराग के सिर में घुस गई। इसी दूसरी गोली ने पूरे मामले का राज़ खोल दिया। अजीत ने इसके बाद बाकी के दो बच्चों की भी हत्या सिर में हथौड़ा मार कर और उन्हें नीचे फेंक कर दिया। इस सिलसिले को अंजाम देने में उसे करीब 1 घंटे का वक़्त लगा होगा। फिर वो तसल्ली से पूरे सीन ऑफ क्राइम को अपने हिसाब से बिगाड़ने लगा, ताकि कोई उस पर शक ना कर सके। उसने तमंचा खाट के नीचे फेंक दिया. भाभी की लाश के हाथ में हथौड़ा रख दिया।