द फॉलोअप डेस्क
उत्तराखंड के चमोली जिले में 28 फरवरी 2025 को सुबह 7:15 बजे माणा गांव के पास एक बड़े हिमस्खलन (एवलांच) की घटना हुई, जिसमें सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 55 मजदूर फंस गए थे। इस हादसे में 4 मजदूरों की मृत्यु हो गई है। बचाव दल ने अब तक 50 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है, जबकि 5 मजदूर अभी भी लापता हैं। बचाव कार्य में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय प्रशासन, यूकाडा और वायुसेना की टीमें शामिल हैं। घटनास्थल पर सात फीट तक बर्फ जमा होने के कारण बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में अस्थायी नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के आदेश दिए हैं ताकि बचाव कार्यों की बेहतर निगरानी की जा सके। इसके अलावा, सरकार ने विभिन्न राज्यों से आए मजदूरों के परिवारों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन भी शुरू की है। मुख्यमंत्री ने कहा, "हम बस यही प्रार्थना कर रहे हैं कि सभी लोग सुरक्षित बाहर आ जाएं।"
बचाव कार्य में खराब मौसम और भारी बर्फबारी के कारण कठिनाइयाँ आ रही हैं, लेकिन सभी संबंधित एजेंसियां मिलकर फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बचाव अभियान की निगरानी के लिए आपदा नियंत्रण कक्ष का दौरा किया और सभी संबंधित एजेंसियों को युद्धस्तर पर काम करने के निर्देश दिए हैं।
माणा गांव भारत-तिब्बत सीमा पर 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, और हिमस्खलन स्थल पर सात फीट तक बर्फ जमा होने के कारण बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण हो गया है। सरकार ने विभिन्न राज्यों से आए मजदूरों के परिवारों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन भी शुरू की है। मुख्यमंत्री ने कहा, "हम बस यही प्रार्थना कर रहे हैं कि सभी लोग सुरक्षित बाहर आ जाएं।" क्षेत्र में लगातार हो रही बर्फबारी और खराब मौसम के बावजूद, बचाव दल फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित मजदूरों के परिवारों के लिए हेल्पलाइन शुरू की है और सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। यह घटना एक बार फिर से हिमालयी क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करती है। आशा है कि बचाव दल शेष फंसे हुए मजदूरों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने में सफल होंगे।