द फॉलोअप डेस्क
महाराष्ट्र की महायुति सरकार में शामिल अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने बृह्नमुंबई नगरपालिका (BMC) चुनावों में अकेले उतरने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार, यह फैसला महायुति गठबंधन में दरार का संकेत नहीं है, बल्कि सीट बंटवारे को लेकर बनी जटिलताओं और रणनीतिक मतभेदों का परिणाम है।
सूत्रों का कहना है कि NCP के इस फैसले के पीछे दो मुख्य कारण हैं। पहला, BMC में कुल 227 सीटें हैं, जो भाजपा और शिंदे गुट की शिवसेना के लिए पर्याप्त सीटें सुनिश्चित करने के बाद NCP के हिस्से में बहुत कम आतीं। दूसरा कारण यह है कि मुंबई के शहरी इलाकों में अजित पवार की पार्टी का जनाधार कमजोर है। गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने पर NCP को सीमित सीटें मिल सकती थीं, जिसे अजित पवार ने स्वीकारने से इनकार कर दिया। इस निर्णय के पीछे अजित पवार की रणनीति अपनी पार्टी के जनाधार को मजबूत करने और मुंबई में स्वतंत्र रूप से अपनी पहचान स्थापित करने की है।
महायुति सरकार का गठन
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में भाजपा, शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की NCP के गठबंधन ने 2024 के विधानसभा चुनाव में निर्णायक बहुमत हासिल किया था। भाजपा ने 132 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में अपनी जगह बनाई थी, जबकि शिवसेना को 57 और NCP को 41 सीटें मिली थीं। मुंबई शहरी क्षेत्र की 10 विधानसभा सीटों में से 9 पर महायुति ने जीत दर्ज की थी। BMC चुनावों में भाजपा और शिवसेना गठबंधन के तहत मैदान में उतरेंगी, जबकि अजित पवार की NCP स्वतंत्र रूप से अपने प्रत्याशी उतारकर चुनाव लड़ेगी।