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जिला अभियंता के खिलाफ जिप सदस्यों ने खोला मोर्चा, डीसी से की शिकायत, कहा- बिचौलिया रखकर करते हैं वसूली

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द फॉलोअप डेस्क
रांची जिला परिषद के सदस्यों ने जिला अभियंता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उस पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रांची डीसी को इस संबंध में एक ज्ञापन उन्होंने अपर समाहर्ता राजेश बरवार के माध्यम से सौंपा है। सौंपे गए ज्ञापन के अनुसार जिला परिषद के सदस्यों का कहना है कि जिला अभियंता एक श्रीकांत पांडे नामक व्यक्ति को बिचौलिया रखकर वसूली का काम करते हैं। श्रीकांत ही पैसे उगाही करने के साथ टेंडर मैनेज करता है। जिसे चाहता है टेंडर दिलवाता है।  यहां सभी नियम कानून ताक पर रखे जाते है। श्रीकांत जिसे चाहता है उसे tendar paper टाईम खत्म होने पर भी कार्यालय अवधि के बाद भी दिलवाता है और tender भी उसी को दिलवा देता है।

सहायक अभियंता बली उरांव घर ले जाते हैं पेपर
जिप सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया है कि जिला परिषद
tender होने के बाद कई दिनो तक tender नहीं खोला जाता है। यहां के सहायक अभियंता बली उरांव सारा tender paper अपने घर ले कर जाते हैं। फिर श्रीकांत पांडे बिचौलिया (दलाल) के साथ बैठ कर संविदा का निष्पादन करते हैं। अगर कोई जिला परिषद सदस्य नियम कानून से कार्य का निष्पादन करने के आग्रह जिला अभियंता से करता है तो वहीं, श्रीकांत पांडे जिला परिषद सदस्य से अभद्र व्यवहार करता है और मारने पिटने की धमकी देता है। कहता है देहाती हो शहर में आकर अपनी औकात में रहा करो, हम जो जिला परिषद कार्यालय में चाहेंगे वही होगा।

जिप कार्यालय में प्रवेश पर लगे रोक
जिप सदस्यों ने डीसी को लिखे ज्ञापन में आग्रह किया है कि बिचौलिया श्रीकांत को जिला परिषद कार्यालय में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया जाए। अन्यथा किसी भी दिन बिचौलियों के कारण बड़ी घटना घटेगी, जिससे पूरा कार्यालय बदनाम होगा।
E.D या A.C.B का छापा पड़ सकता है।

बैठने की नहीं है व्यवस्था
जिला परिषद सदस्यों ने डीसी से बैठने के स्थान को लेकर भी गुहार लगाई है। उन्होंने कहा है कि वे रांची जिला के ग्रामीण क्षेत्र से निर्वाचित हो कर आए हैं। हमारा मुख्यालय अपने क्षेत्र से लगभग
50-60 किमी कि दूरी पर है। ऐसे में जब हम किसी कार्य के लिए मुख्यालय जाते हैं तो हमारे बैठने कि कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे हमें काफी कठीनाई होती है। पिछले दिनों डीडीसी के द्वारा जिला परिषद कार्यालय का भ्रमन किया गया था। ऊपरी तल्ले में हमारे बैठने को लेकर पूरी तरह से व्यवस्थित करने का आदेश कार्यपालक पदाधिकारी को दिया था। मगर आज तक उस दिशा में कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है।

टेंडर नहीं मिलने पर लगा रहे हैं आरोप- कार्यपालक अभियंता
जिला परिषद के जिला अभियंता मिथलेश पांडेय ने जिप सदस्यों के आरोपों को सिरे से नकार दिया। उनका कहना है कि श्रकांत नाम का कोई कर्मी ही कार्यालय में नहीं है। दूसरी ओर आरोप लगाने वाले सदस्य ही किसी को टेंडर पेपर नहीं खरीदने देना चाह रहे थे। वे अपने लोग को काम दिलाना चाह रहे थे। मतलब साफ है कि टेंडर नहीं मिला है इसलिए वे गलत आरोप लगा रहे हैं।

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