रांची
गिरिडीह सासंद चंद्रप्रकाश चौधरी ने विभिन्न जांच एजेंसियों को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि सड़क निर्माण विभाग (RCB) में लगभग 106 करोड रुपये का घोटाला हुआ है। इस संबंध में सांसद ने मुख्य सचिव, झारखंड सरकार, मंत्रिमंडल निगरानी एवम समन्वय विभाग, पथ निर्माण विभाग, झारखंड सरकार, सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और एंटी क्रप्शन ब्यूरो (ACB) को पत्र लिखा है।
सासंद ने कहा है कि झारखंड राज्य के RCD विभाग में आमंत्रित निविदाओं के आवंटन में अनियमितता बरती गयी है। कहा कि वर्तमान में झारखंड सरकार के RCD विभाग के द्वारा आमंत्रित व आवंटित निविदाओं में अनियमितता बरती जा रही है जिससे सरकार को वित्तीय क्षति हो रही है। विदित हो कि विभाग के संबंधित पदाधिकारियों द्वारा कई निविदाओं में BOQ राशि से ज़्यादा राशि पर कुछ विशेष प्रतिभागी निवेदाकारों को लाभ पहुँचाने के लिए निविदा कार्यों का निस्तारण/आवंटन किया जा रहा है। कहा है, यह भी सूचना प्राप्त हो रही है कि जिन निविदाकारों के पक्ष में निविदा कार्यों का आवंटन किया गया है या किया जा रहा है उनमें से अधिकतर निविदाकार की न्यूनतम निविदा राशि उस निविदा कार्य के BOQ राशि से अधिक है।
सासंद ने आगे कहा है कि झारखंड राज्य से संबंधित बहुत सारे प्रतिभागी निविदाकार जो पथ निर्माण विभाग अन्तर्गत समुचित श्रेणी में निबंधित हैं तथा निविदा आमंत्रण/SBD द्वारा निर्धारित सभी शर्तों व अहर्ताओं को पूर्ण करते हैं, ने भी bidding प्रक्रिया में participate किया है। जिनका न्यूनतम निविदित राशि आमंत्रित निविदा के BOQ राशि से भी कम है, उनके पक्ष में निविदा का निस्तारण नहीं किया जा रहा है। इसमें अनियमितता बरती गयी है। कहा कि जानबूझकर non-responsive घोषित कर एवं बिना उनका पक्ष सुने निरस्त कर दिया जा रहा है।
सांसद ने आगे कहा, विभागीय पदाधिकारियों के द्वारा कुछ चुने गये कुछ विशेष निविदाकार को ही कार्य आवंटित किया जा रहा है। योग्य एवं लोकल निविदाकारों को निविदा से अकारण Non-Responsive कर निविदा प्रतिभागिता से हटाया जा रहा है। विशेष निविदाकार को ही निविदा में Technically Qualify किया जा रहा है एवं उन्हें अधिक दर पर कार्य आवंटित किया जा रहा है।
सासंद ने कहा कि झारखंड सरकार के E- Tender Portal का उपलब्ध सूचना के आधार पर एक तालिका संलग्न की जा रही है जिसके अवलोकन से यह स्पष्ट होगा कि सरकार के द्वारा निविदाकारों को technically disqualify कर सिर्फ़ दो-तीन निविदाकारों के financial part को खोला जा रहा है। ये विशेष रूप से चयनित निविदाकार होते है तथा इन्हें अधिक मूल्य पर कार्य आवंटित किया जा रहा है। इससे सरकार को आर्थिक क्षति हो रही है। विभागीय पदाधिकारियों द्वारा इस तरह की कार्यप्रणाली किसी भी तरह से अपेक्षित नहीं है। इन सभी बातों को संज्ञान में लेकर व इसपर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए इसकी उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच स्वतंत्र एजेंसी से करायी जाये।