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जमशेदपुर की हवा को साफ करने के लिए आगे आई महिलाएं व बच्चे

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द फॉलोअप डेस्कः 
भारत के 131 प्रदूषित शहरों में रांची, धनबाद के अलावा जमशेदपुर का भी नाम शामिल है। ऐसे में इस दाग को मिटाने के लिए शहर की महिलाओं और बच्चों ने प्रयास शुरू किया है। बीते छह महीने से शहर के 30 से अधिक बच्चे एक्यूआई मीटर लेकर हर दिन प्रदूषण का डेटा जमा कर रहे हैं। इन युवाओं को वायूवीर का नाम दिया गया है। इसी कड़ी में सोमवार को सुंदरपुर के दुर्गा एवं काली पूजा मैदान में बड़ी संख्या में महिलाओं, बच्चों का जुटान हुआ। 


जलावन से खाना बनाया जाता है जिसका असर स्वास्थय पर पड़ रहा
महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि वैज्ञानिक डॉ मीता तरफदार ने कहा कि शुद्ध वायु हमारा सबसे पहला अधिकार है। इसके लिए अगर महिलाएं आगे आती है, इसकी जरूरत को समझती हैं, तो परिवार के साथ साथ समाज को भी इसकी महत्ता के बारे में समझाया जा सकता है। आज भी ग्रामीण इलाकों में अधिकतर घरों में जलावन से खाना पकाया जाता है, इसके लिए लकड़ी के साथ प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है, इसका सीधा असर महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। जहरीली हवा सीधे उनके सांस में जाता है. उन्होंने ये भी कहा कि समाज के सभी वर्ग की महिलाओं के अंदर वैज्ञानिक सोच पैदा करना जरूरी है। 


बेहतर उपाय के साथ शहर की हवा को साफ बनाया जा सकता 
वहीं पत्रकार अन्नी अमृता ने कहा कि औद्योगिक प्रदूषण की निगरानी करने वाला आज कोई नहीं है। इसकी निगरानी और बेहतर उपाय के साथ शहर की हवा को साफ बनाया जा सकता है। महिला कल्याण समिति की अंजली बोस ने पानी की कमी पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि संभल कर पानी खर्च करेंगे, तभी आनेवाली पीढ़ी को प्रचूर मात्रा में पानी उपलब्ध हो सकेगा। सुंदरनगर की वार्ड सदस्य सीमा मजूमदार ने कहा कि हवा के बिना दस सेकेंड भी जीना मुश्किल है. ऐसे में साफ हवा धरती पर रहनेवाले सभी की जरूरत है। अगर जमशेदपुर की हवा को स्वच्छ बनाने के लिए महिलाएं और बच्चे आगे आ रहे हैं तो ये बहुत ही उत्साहवर्धक बात है। आदर्श सेवा संस्थान की लखी दास ने वायू वीर युवाओं के कामकाज के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि इनके द्वारा जमा किए गए डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है। जल्द ही इसको आम जन के सामने रखा जाएगा. हमें जमशेदपुर के ऊपर लगे इस दाग को मिलकर हटाना है। 


प्रदूषित हवा दुश्मनों की तरह 
वहीं दिल्ली से आई असर की अंकिता ज्योति ने कहा कि, हम जिस दुश्मन को देख नहीं पाते हैं, वो और ज्यादा खतरनाक है। प्रदूषित हवा उन्हीं में से एक है। इसका सबसे बुरा असर महिलाओं और बच्चों पर पड़ता है. ऐसे में महिलाओं को ही आगे आकर हवा को स्वच्छ रखने की पहल करनी होगी। कार्यक्रम का संचालन महिला कल्याण समिति की सुस्मृति बोस ने किया. मौके पर महिला कल्याण समिति की डॉ निर्मला शुक्ला, सचिव अंजली बोस, आदर्श सेवा संस्थान की लखी दास, संस्कृति संस्था की सचिव संयुक्ता, युवा संस्था की सचिव बरनाली दास, वकील कंचन कुमारी, वायू वीर रिंकी, सरस्वती, अर्पिता, मिरिया सहित बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे उपस्थित थे।