दुर्गेश सिंह, हजारीबागः
भ्रूण हत्या जगन्य अपराध है। इसके बावजूद बेटे की लालच में ग्रामीण इलाकों में धड़ल्ले से लिंग परिक्षण हो रहा है। अगर गर्भ में पल रहा शिशु बेटी है तो उसका मां का गर्भपात कराया जा रहा है। इसी क्रम में बेटा हजारीबाग के आशा किरण महिला अस्पताल से एक मामल प्रकाश में आया है। जहां गर्भपात के दौरान महिला की मौत हो गई है। जहां इचाक के चपरख गांव की रहने वाली महिला लक्ष्मी देवी का गर्भपात करने के दौरान मौत हो गई। वह 3 महीने से गर्भवती थी।
बताया जा रहा है कि बरही के अस्पताल ने उसका भ्रूण जांच कराया और यह बताया की कोख में बेटी पल रही है। परिवार वालों ने सहिया की मदद से उसे हजारीबाग के आशा किरण महिला अस्पताल लाया। जहां गर्भपात करने के दौरान उसकी मौत हो गई। यह घटना रात के 1:00 बजे की है। मृतक लक्ष्मी देवी के पति ने बताया कि सहिया की मदद से अस्पताल लाया गया था। दरअसल ऐसी नियम बनाई गई है कि सहिया सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को लेकर आए लेकिन कुछ पैसे के लालच में ग्रामीण क्षेत्र की सहिया गर्भवती महिला को निजी अस्पताल ले आती हैं और बड़ी घटना घट जाती है।
इचाक में सेवा देने वाली सहिया मंजू देवी ने बताया कि महिला को सदर अस्पताल लाना था लेकिन दर्द अधिक होने के कारण उसे निजी अस्पताल लाया गया। वह 3 महीने से की गर्भवती थी। मौत के बाद परिजनों ने जमकर अस्पताल में हंगामा किया है। ऐसे में लोसिघना थाना की पुलिस भी घटना स्थल पर पहुंची और परिजनों को भरोसा दिलाया कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सूचना पाकर चनारो गांव के मुखिया भरत बिहारी महतो भी घटनास्थल पर पहुंची और कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने मीडिया को बताया कि मामला बेहद गंभीर है कि कैसे एक महिला का भ्रूण जांच कराया गया और फिर बेटे के लालच में बेटी की मौत जन्म लेने के पहले ही नर्सिंग होम के स्टाफ ने कर दिया।