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WHO का बड़ा एलान: COVID-19 अब वैश्विक महामारी नहीं, लेकिन खतरा बरकरार

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द फॉलोअप डेस्क
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की एक घोषणा से पूरी दुनिया के लोगों को राहत मिली है। WHO ने कहा है कि कोविड-19 अब वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी नहीं रहा। यह अब वैश्विक महामारी नहीं है। क्योंकि, एक साल में इसके मामले बहुत तेजी से कम हुए और मरने वालों का आंकड़ा भी बेहद कम हो गया है। WHO चीफ टेड्रोस एडेहोनम ने यह बातें जेनेवा में मीडिया से कही। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन की वजह से काफी कामयाबी मिली है। हेल्थ सिस्टम पर अब प्रेशर भी बहुत कम हो गया है। ज्यादातर देश नॉर्मल लाइफ पर लौट चुके हैं। बताते चलें कि ऑफिशियल रिकॉर्ड के अनुसार कोविड से दुनिया में करीब 70 लाख लोगों की मौत हुई। 30 जनवरी 2020 को इसे ग्लोबल इमरजेंसी डिक्लेयर किया गया था। लेकिन तेजी से घटते मामलों को देखकर डब्ल्यूएचओ ने इसे ग्लोबल इमरजेंसी अब नहीं माना। इधर, अमेरिका में भी 11 मई को हेल्थ इमरजेंसी खत्म होने की बात सामने आ रही हैबताते चलें कि कोविड से सबसे ज्यादा मौत अमेरिका में हुई है

खतरे को बरकरार बताया
कोविड-19 एंड ग्लोबल हेल्थ इश्यूजटॉपिक पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए डब्ल्यूएचओ चीफ ने कहा कि मैं अब ऐलान कर सकता हूं कि कोविड-19 ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी कैटेगरी में शामिल नहीं रहा। हालांकि इसका ये मतलब नहीं है कि ये दुनिया के लिए खतरा नहीं रहा। क्योंकि, पिछले हफ्ते की ही बात करें तो हर 3 मिनट में कोविड-19 से एक व्यक्ति की मौत हुई। उन्होंने कहा कि ये वो मौतें हैं, जिनकी हमारे पास जानकारी है। इसके अलावा भी बहुत कुछ हो सकता है। जब हम आज यहां इस बारे में बात कर रहे हैं तो दुनिया में कई लोग अब भी ICU में कोविड-19 से जूझ रहे हैं। कई लोग ऐसे हैं जो कोविड के बाद भी परेशान हैं, क्योंकि कोविड से उबरने के बाद काफी परेशानियां हो रही हैं।

1221 दिन पहले केस की मिली थी जानकारी
कोरोना को लेकर टेड्रोस ने कहा कि 1221 दिन पहले हमें चीन के वुहान से कुछ केसेज की जानकारी मिली थी। इनके लक्षण निमोनिया से मिलते-जुलते थे। इसके बाद 30 जनवरी 2020 को इंटरनेशनल हेल्थ रेग्युलेशन्स की एक कमेटी ने मीटिंग की। इसने कुछ अहम सलाह दी और मैंने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी का ऐलान किया था। उस वक्त चीन के बाहर यानी दूसरे देशों में 100 से कम केस रिपोर्ट हुए थे। इसके अलावा किसी की मौत की जानकारी भी नहीं मिली थी। इसके बाद जो 3 साल गुजरे, उनमें दुनिया पूरी तरह बदल गई। करीब 70 लाख लोग मारे गए। हम ये भी जानते हैं कि हकीकत में यह आंकड़ा कई गुना ज्यादा हो सकता है। हो सकता है करीब 2 करोड़ लोगों की मौत हुई हो। ऐसे में सभी देशों को इमरजेंसी मोड से मैनेजिंग मोड पर आना है, ताकि इस बीमारी पर नजर बनाकर इसे काबू में रखा जाए।

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