द फॉलोअप डेस्कः
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय सेना की ओर से जो प्रेस ब्रीफिंग दी गई, उसमें कर्नल सोफिया कुरैशी ने अभियान के बारे में बताया। आइये जानते हैं कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी। कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना में एक ऐसा नाम हैं, जो जज्बे, मेहनत और लीडरशिप की मिसाल बन चुकी हैं। वे उस समय चर्चा में आई थीं जब उन्हें एक्सरसाइज फोर्स 18 के तहत 18 देशों की मल्टीनेशनल आर्मी ड्रिल में भारत की तरफ से कमान संभालने का मौका मिला. उस समय वो अकेली महिला थीं जो किसी भी देश की आर्मी टुकड़ी की कमांड कर रही थीं। उन्होंने 40 सैनिकों की भारतीय टीम का नेतृत्व किया।
जानकारी के अनुसार कर्नल सोफिया कुरैशी मूल रूप से गुजरात की रहने वाली हैं। उनका जन्म 1981 में वडोदरा में हुआ था। सोफिया ने बायोकैमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। वो सिग्नल कोर से हैं, जो सेना के कम्युनिकेशन और सूचना प्रणाली की जिम्मेदारी संभालती है। भारतीय सेना में सोफिया की एंट्री 1999 में हुई थी। उन्होंने 1999 में चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त किया और सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन प्राप्त किया।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सोफिया के दादा भी सेना में थे। वहीं सोफिया की शादी मैकेनाइज़्ड इन्फेंट्री के एक सेना अधिकारी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुआ है। वर्ष 2006 में सोफिया ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में सेवा दी। वह 2010 से शांति अभियानों (PKO) से जुड़ी हुई हैं। पंजाब सीमा पर ऑपरेशन पराक्रम के दौरान उनकी सेवा के लिए उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GOC-in-C) का प्रशंसा पत्र भी मिल चुका है। इतना ही नहीं, उत्तर-पूर्व भारत में बाढ़ राहत कार्यों के दौरान उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें सिग्नल ऑफिसर इन चीफ (SO-in-C) का प्रशंसा पत्र भी मिल चुका है।