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आरक्षण पर कब होगा OBC आयोग का गठन, कोर्ट ने हेमंत सरकार से पूछा

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द फॉलोअप डेस्क 
झारखंड में नगर निकायों का चुनाव लगभग छह माह से लंबित है। इस पर हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। कोर्ट ने झारखंड सरकार से पूछा है कि इन हालात में आरक्षण के लिए OBC आयोग का गठन कब तक होगा। आरक्षण के लिए आयोग के बनाने के बाद, इसके अध्यक्ष की नियुक्ति कब तक कर ली जायेगी। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए आठ नवंबर की तारीख निर्धारित की है। साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा है कि आयोग गठन की रिपोर्ट जल्दी नहीं मिलने पर कार्मिक सचिव को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने का आदेश अदालत जारी कर सकती है। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपध्याय की बेंच कर रही है। 

आयोग का नहीं है अध्यक्ष

दूसरी ओऱ से मामले में प्रार्थी की ओर से अदालत को जानकारी दी गयी कि नगर निकायों का चुनाव छह महीने से लंबित है। वर्तमान में निकायों में अस्थायी तौर पर प्रशासकों की नियुक्ति कर काम किया जा रहा है। प्रार्थी ने कहा कि जब तक चुनाव नहीं होते हैं, तब तक प्रशासक के बदले निकाय के प्रतिनिधियों को अधिकार मिलना चाहिये। बताया कि OBCस के आरक्षण के लिए एक डेडिकेटेड कमीशन बना ली गयी है। फिलहाल ये कमीशन बिना अध्यक्ष के अस्तित्व में है। इस पर अदालत ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि निकाय के प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हुए छह माह बीत चुके हैं। फिर भी अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होना चिंताजनक है। इस मामले में अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि इसी आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण वाली सीटों के नाम तय किये जाने हैं।  

निकायों की शक्तियां प्रशासन के अधीन हैं 
गौरतलब है कि झारखंड सरकार ने 34 निकाय परिषद के चुने गये सदस्यों का कार्यकाल समाप्त कर दिया है। सरकार ने उनकी सभी शक्तियां और कार्यों को प्रशासन के अधीन कर दिया है। इस बाबत पूर्व पार्षद रोशनी खलखो, अरुण कुमार झा व अन्य की ओर से झाऱखड हाईकोर्ट में रिट दायर किया गया है। बहरहाल, कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए आठ नवंबर का समय दिया है।