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Ranchi : हिमंता बिस्वा सरमा और अनूप सिंह की वायरल तस्वीर पर क्या बोले केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा

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डेस्क: 
झारखंड के बेरमो विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह की एक तस्वीर वायरल क्या हुई, झारखंड की सियासत में बवाल मच गया। दरअसल, इस तस्वीर में अनूप सिंह, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के साथ नजर आ रहे हैं। 31 जुलाई को अनूप सिंह ने आरोप लगाया था कि इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगाड़ी ने उनको हेमंत सरकार को गिराने के एवज में 10 करोड़ रुपये और मंत्रीपद का लालच दिया था। यही नहीं, गुवाहाटी चलकर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा से मुलाकात कराने की भी बात कही थी। 

वायरल तस्वीर पर कई सारे सवाल उठे
इरफान अंसारी पर गंभीर आरोप लगाने वाले अनूप सिंह की फोटो जब हिमंता बिस्वा सरमा के साथ वायरल हुई तो कई सवाल उठे। पहला सवाल तो यही कि जब वे इतने नजदीक से हिमंता बिस्वा सरमा से परिचित हैं तो फिर इरफान अंसारी उनको क्या मिलवाएंगे। उन्होंने ये बात छिपाई कि वे हाल ही में हिमंता बिस्वा सरमा से मिले हैं। अब बीजेपी पर भी ये आरोप लग रहा है कि वो झारखंड में कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने का प्रयास कर रही थी। गुवाहाटी को इसका सेंटर बनाया जा रहा था। 

मंत्री पी हजारिका ने किया है पलटवार
इस पूरे मामले पर अब असम के मंत्री पी हजारिका ने अनूप सिंह के आरोपों पर पलटवार किया है। दरअसल, अनूप सिंह ने अरगोड़ा थाने में दर्ज अपने एफआईआर में कई बार हिमंता बिस्वा सरमा का नाम लिया है। पी हजारिका ने कहा कि झारखंड के कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल ने फर्जी आरोप लगाया है कि 3 गिरफ्तार विधायकों ने उनको अस के सीएम से मिलने का लालच दिया था। मनगढ़ंत प्राथमिकी दर्ज कराने से 5 दिन पहले यानी 26 जुलाई को सीएम सरमा, अनूप सिंह को अपने ट्रेड यूनियन से संबंधित मामले में मदद करने के लिए केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के आवास पर ले गये थे।

 

केंद्रीय अर्जुन मुंडा ने मामले में क्या कहा! 
मामले में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का भी बयान सामने आया है। अर्जुन मुंडा ने कहा कि कुमार जयमंगल (अनूप सिंह) को पिता भी एक कांग्रेस नेता थे और हिमंता बिस्वा सरमा भी कभी कांग्रेस में थे। कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि वे कहानियां गढ़कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। कहा कि उनके पिता भी ट्रेड यूनियन नेता थे और ऐसे सार्वजनिक मुद्दों पर लोगों से मिलते थे। इसे राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना कांग्रेस की घिनौनी मानसिकता है।