दुमका
शिकारीपाड़ा प्रखंड के कुलकुलीडंगाल गांव में प्राशासन ने बंद पड़े पत्थर के खदान में जमा पानी को फिल्टर करने की अनूठी पहल की शुरुआत की है। पानी को पीने योग्य बनाकर पाइप के माध्यम से गांव के घर-घर पहुंचाया जाएगा। इसके लिए सोलर सिस्टम और फिलट्रेशन पलांट भी लगाया गया है। इससे गांव के लोगो में काफी खुशी है।
पानी को सदुपयोग
वैसे पत्थर के खदान जिसमे उत्पादन बंद हो जाता है अकसर वैसे खदानों कई फीट पानी भरा रहता है। ऐसे पानी का कोई सदुपयोग नहीं हो पाता है बल्कि बीच-बीच में कोई ना कोई डूब जाता है। पानी का सदुपयोग हो इसके लिए सरकार ने विस्तृत योजना तैयार कर ली है। कुलकुलीडंगाल गांव में सोलर सिस्टम और फिलट्रेशन पलांट लगाकर पाइपलान के माध्यम से लोगो के घर-घर पानी पहुंचाने का काम शुरु हो चुका है।
जिला के उपायुक्त पहुंचे गांव
इस पहल की शुरुआत के लिए जिला उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला गांव पहुंचे । दुमका उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने कहा कि इस खदान में जो पानी भरा है वह किसी काम का नही है इसलिए इसे पीने के योग्य बनाकर गांव के घर-घर पहुंचाया जा रहा है। इसके पहले रानीश्वर प्रखण्ड के नंदना गांव में खदान के पानी में मछली पालन कर लोगों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
13 लाख रुपये किए गए खर्च
ग्रामीणों ने बताया की उन्होंने कभी सोचा भी नही था कि इस तरह उनके घर पेयजल पहुंचेगा। बताया जा रहा है कि कुलकुलीडंगाल गांव 40 घरों में पानी पहुंचाने में लगभग 13 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। आनेवाले दिनो में यह प्रयोग दूसरे गांव में भी किया जाएगा ।