रांची
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 2 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। आरोप है कि उन्होंने माओवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) को पुनर्जीवित और मजबूत करने का प्रयास किया। बता दें कि PLFI झारखंड और आसपास के राज्यों प्रतिबंधित है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
रांची में दायर किए गए पूरक आरोप पत्र में असम के धेमाजी जिले के कपिल पाठक उर्फ राणा सिंह उर्फ अर्जुन राणा उर्फ पंडित जी और झारखंड के खूंटी जिले के बिनोद मुंडा उर्फ सुखु उर्फ दहूरा का नाम शामिल है। NIA ने अक्टूबर 2023 में इस मामले का संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की थी। PLFI के सदस्यों पर झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के विभिन्न कोयला व्यापारियों, रेलवे ठेकेदारों और व्यापारियों से वसूली के जरिए से फंड जुटाने का आरोप लगा था।
NIA ने दावा किया कि जांच में पाया गया कि PLFI के सदस्यों ने जनता, खासतौर पर कारोबारियों और ठेकेदारों में आतंक फैलाने के लिए हत्या, आगजनी और हिंसक हमलों जैसे विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची थी। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ का कपिल पाठक ओडिशा राज्य समिति के प्रमुख था, जबकि बिनोद मुंडा झारखंड के खूंटी जिले में कर्रा के क्षेत्रीय कमांडर था। दोनों आरोपी झारखंड से असम तक पैसे वसूली करने और उसे भेजने में शामिल थे।