द फॉलोअप डेस्क
राज्य में आउट ऑफ स्कूल बच्चों को विद्यालय से जोड़ने, शून्य ड्रॉपआउट सुनिश्चित करने और शत प्रतिशत नामांकन कराने में स्वयंसेवी सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि सहयोग प्रदान करेंगे। इसके अलावा वे स्कूल स्कोर कार्ड, प्रोजेक्ट इम्पैक्ट के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन को भी सुनिश्चित करेंगे। राज्य शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा 24 स्वयंसेवी सहयोगी संस्थाओ के प्रतिनिधियों एवं जिला प्रभाग प्रभारियों के लिए इस संबंध में विशेष संयुक्त प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गयी। इस कार्यशाला में राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने उपस्थित प्रतिनिधियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बेहतर शिक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के साथ-साथ स्वयंसेवी सहयोगी संस्थाओं का भी अहम योगदान है।
सभी विद्यालय के स्कूल स्कोर कार्ड का अनुश्रवण करें
विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता को उत्कृष्ट बनाने और बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने में संस्थाएं सहयोग दें। उन्होंने संस्थाओं द्वारा समर्थित विद्यालयों में शत-प्रतिशत नामांकन, ट्रांजिशन और शून्य ड्रॉपआउट के लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए प्रत्येक महीने कम से कम 10 विद्यालयों के लक्ष्य को प्राप्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि जिस भी विद्यालय में जाएं वहां के स्कूल स्कोर कार्ड का अनुश्रवण भी करें।
उन्होंने राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी एवं राज्य कार्यक्रम कर्मियों को अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में चयनित स्वयंसेवी सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को 3 दिन का विशेष प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया।
सेतु गाइड कार्यक्रम के तहत बच्चों को मिलेगा विशेष प्रशिक्षण
पूर्व वर्ष की भांति इस वर्ष भी चयनित आउट ऑफ स्कूल बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम 'सेतु गाइड' का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन को लेकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला शिक्षा अधीक्षकों को विस्तृत दिशा निर्देश भेज दिया गया है। इसके अंतर्गत सेतु गाइड केंद्रों की स्थापना की जाएगी।