द फॉलोअप डेस्कः
खूंटी थाना क्षेत्र के डुमरदगा में रांची पुलिस की टीम को गांववालों ने बंधक बना लिया था। जानकारी के मुताबिक रांची की नामकुम पुलिस को ग्रामीणों ने लगभग डेढ़ घंटे तक बंधक बनाए रखा। इस सूचना पर खूंटी और कर्रा थाना की पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची और ग्रामीणों समझाया बुझाया। जिसके बाद ग्रामीणों के भीड़ से रांची पुलिस को निकालकर वापस भेजा गया। जो जानकारी हो पाई है उसके मुताबिक शुक्रवार शाम नामकुम थाना की पुलिस डुमरदगा पहुंची थी। पुलिस टीम ग्राम प्रधान को सूचना दिये बिना ही गांव के एक व्यक्ति से पूछताछ करना चाह रही थी। ग्रामीणों ने पुलिस से मामले को जानने का प्रयास किया तो पुलिस कुछ बता नहीं रही। थी। जानकारी के मुताबिक रांची पुलिस गांव के राई मुंडाइन के घर में जबरन घुसकर उसके दामाद और बेटी से मोबाइल फोन छीनकर ले जाने लगी। इसकी जानकारी जब ग्रामीणों को हुई तो वह रोकने लगे।
किसी मामले की जांच करने गई थी टीम
ग्रामीणों वहां जुटने लगे तो पुलिसकर्मी गाड़ी में नहीं बैठ पाए। तब तक ग्रामीण वहां पहुंच गये और उन्हें जाने से रोक दिया। ग्रामीणों ने काफी देर तक पुलिसकर्मियों को घेरे रखा और कारण पूछते रहे। पुलिस ग्रामीणों को सिर्फ इतना ही बता पाई कि उन्हें किसी मामले में इनके मोबाइल फोन का लोकेशन मिला है। पुलिस सिर्फ पूछताछ करना चाहती है, लेकिन ग्रामीण पुलिस बात से संतुष्ट नहीं हुए और लगभग डेढ़ घंटे तक घेरे रखा। आखिरकार डेढ़ घंटे के बाद ग्रामीणों ने उनको छोड़ा। ग्रामसभा की विजिटिंग रजिस्टर में पुलिसकर्मियों को नाम, पता, आने का कारण और उनका मोबाइल फोन का नंबर दर्ज कराया गया। जानकारी के अनुसार नामकुम पुलिस को एक उग्रवादी के मोबाइल का लोकेशन डुमरदगा में मिला था। जिसके बाद नामकुम पुलिस की टीम सिविल ड्रेस में वहां पहुंची थी। खूंटी एसपी अमन कुमार ने बताया कि नामकुम पुलिस के साथ खूंटी थाना की पुलिस गई थी, लेकिन जानकारी नहीं होने के कारण पुलिस को ग्रामीणों ने रोक लिया।
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