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बसंत सोरेन बने चंपाई सरकार में मंत्री, जानें उनके बारे में सबकुछ

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द फॉलोअप डेस्क
चंपई सोरेन कैबिनेट का विस्तार हो चुका है। पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन भी चंपाई सोरेन मंत्रिमंडल में शामिल हैं। गौरतलब है कि बसंत सोरेन दुमका से विधायक हैं और अब जेएमएम कोटे से मंत्री भी हैं। गौरतलब है कि 2 फरवरी को जब चंपाई सोरेन 2 अन्य मंत्रियों के साथ शपथ ले रहे थे उस वक्त भी बसंत सोरेन के नाम पर चर्चा हुई थी लेकिन राजभवन से हरी झंडी नहीं मिलने की वजह से बसंत सोरेन ने शपथ नहीं लिया था।


2020 में दुमका के उपचुनाव में जीत हासिल की
बसंत सोरेन का जन्म साल 1980 में हुआ था। वह दिशोम गुरु शिबू सोरेन और रूपी सोरेन के छोटे बेटे और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के भाई हैं। बसंत की पत्नी का नाम हेमलता सोरेन हैं। बता दें कि बसंत सोरेन जेएमएम से विधायक हैं। वो दुमका उपचुनाव जीत कर सदन पहुंचे हैं। उन्होंने 2020 में हुए दुमका उपचुनाव में जीत हासिल की। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी पूर्व मंत्री लुईस मरांडी को लगभग 7 हजार वोट से हराया था। दुमका सीट हेमंत सोरेन के छोड़ने से खाली हुई थी। बता दें कि 2019 विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने दुमका और बरहेट दोनों जगह से चुनाव लड़ा था, वो दोनों जगह से विजयी रहे। बाद में उन्होंने दुमका सीट खाली कर दी थी। जिसकी वजह से वहां उपचुनाव हुए।


बसंत सोरेन ने 2016 में राज्यसभा चुनाव लड़ा था
बता दें कि बसंत सोरेन जेएमएम सुप्रीमो दिशोम गुरु शिबू सोरेन के छोटे बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई है। वो राजनीति में सोरेन परिवार के छठे सदस्य हैं। बसंत सोरेन ने 2016 में राज्यसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2016 राज्यसभा चुनाव के बाद बसंत सोरेन संगठन स्तर पर लगातार काम करते रहे। इस दौरान उन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा। कई बार कयास लगते रहे लेकिन संगठन की मजबूती की कवायद में वो जुटे रहे। दुमका क्षेत्र में वो लगातार सक्रिय रहे, इसी का नतीजा रहा कि 2020 उपचुनाव में पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया और वो जीतकर पहली बार विधायक 41 साल की उम्र में विधायक बने।

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