रांची
राजद प्रदेश कार्यालय में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहब की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर हुई। इस मौके पर राजद के प्रदेश महासचिव व मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने कहा कि बाबा साहब एक युग पुरुष थे, जिनका व्यक्तित्व असाधारण था। बचपन से लेकर नौकरी तक उन्हें छुआछूत और सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त पहले भारतीय अर्थशास्त्री थे।
हिंदू समाज की जातिगत विषमता और ब्राह्मणवादी व्यवस्था से संघर्ष करते हुए उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया। दलितों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए उन्होंने सतत संघर्ष किया। सार्वजनिक संसाधनों पर बराबरी के हक के लिए उन्होंने आंदोलन और सत्याग्रह किए। कैलाश यादव ने कहा कि बाबा साहब को उनके उच्च ज्ञान और दृष्टिकोण के कारण संविधान सभा का अध्यक्ष चुना गया और वे देश के संविधान निर्माता बने। वे स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री भी रहे। उन्होंने हिंदू कोड बिल के जरिए लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों की पैरवी की, लेकिन उस समय उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके चलते उन्हें 1951 में नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा।
राजद की ओर से यह संकल्प लिया गया कि जब तक देश से छुआछूत और भेदभाव समाप्त नहीं हो जाता, तब तक बाबा साहब के विचारों और आदर्शों को गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा।
कार्यक्रम में प्रदेश महासचिव आबिद अली, महिला अध्यक्ष रश्मि प्रकाश, उपाध्यक्ष अनीता यादव, महासचिव इरफान अंसारी, युवा अध्यक्ष रंजन यादव, जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र महतो, महासचिव योगेंद्र यादव, श्रमिक सेल अध्यक्ष सुधीर गोप, भास्कर वर्मा, रामकुमार यादव, मनोज अग्रवाल, शब्बर फातमी, क्षितिज मिश्रा, रामभजन यादव, सुरेश राय, लालबाबू रजक, निरंजन महतो, हरेंद्र यादव, महानंद यादव, शालिग्राम पांडे, कमलेश यादव समेत अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।