धनबादः
भोजपुरी, अंगिका और मगही भाषाओं को धनबाद और बोकारो जिले में नियुक्ति में शामिल करने के फैसले का हर तरफ विरोध किया जा रहा है। सरकार के इस फैसले के विरोध में शुक्रवार को आजसू पार्टी ने राजगंज में महारैली निकाली थी। जानकारी के मुताबिक गिरिडीह सांसद के प्रतिनिधि गिरधारी महतो ने रैली में आदिवासी महिलाओं को धोती, साड़ी, कंबल का लाभ देने की बात कहकर बुलाया था। महिला लाभ लेने पहुंची थी लेकिन जब आजसू पार्टी के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन करने लगे तो आदिवासी महिलाओं ने इसका विरोध किया।
आजसू का पोस्टर नष्ट किया
देखते ही देखते महिलाएं काफी आक्रोशित हो गईं। आजसू के बैनर को नष्ट कर दिया। आदिवासी महिलायें आजसू कार्यकर्ताओं से भिड़ गईं। दोनों तरफ से स्थिति तनावपूर्ण बन गया। मौके पर राजगंज थाने की पुलिस पहुंची तब जाकर स्थिति नियंत्रण में हुआ। किसी तरह पुलिस ने आदिवासी महिलाओं को समझा-बुझाकर वापस भेजा। इस दौरान नेशनल हाइवे-2 पर वाहनों की लंबी कतार लग गयी। आखिरकार महिलाओं ने हेमंत सोरेन का पुतला जलाने नहीं दिया।
महिलाओं ने किया विरोध
आदिवासी महिलाओं ने कहा कि उनको यह कहकर बुलाया था कि धोती, साड़ी, कम्बल मिलेगा। रैली में शामिल होने पर मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करवाई गई। उसके बाद मुख्यमंत्री का पुतला दहन करने को कहा गया, जिसका हमने विरोध किया।