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पांचवीं अनुसूची के बावजूद घट रही है आदिवासियों की आबादी - आदिवासी विकास परिषद्

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रांची
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद् के आरआई बिल्डिंग, कचहरी चौक स्थित कार्यालय में रविवार को एक बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता जादो उरांव ने की। इस बैठक में आदिवासियों के रहन सहन एवं रूढ़िवादी बिंदु पर विचार विमर्श किया गया। परिषद् के महासचिव जादो उरांव ने कहा कि छोटानगपुर कास्तकारी अधिनियम 1908, पांचवी अनुसूची 1950 एवं पेशा कानून 1996 के अंतर्गत कानून व्यवस्था के रहते हुए आज आदिवासी समाज असुरक्षित महसूस कर रहा है।  परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष बाना मुंडा ने कहा कि सीएनटी एक्ट कानून को रहते हुए आज आदिवासियों के घर, जमीन का लूट खसोट जारी है। 

मौके पर ये लोग थे मौजूद 
बाना मुंडा ने आगे कहा कि आदिवासी क्षेत्र में पांचवी अनुसूची लागू रहने के बावजूद आदिवासियों की जनसंख्या में दिन प्रतिदिन गिरावट आ रही है। अखिल भारत आदिवासी विकास परिषद की यह मांग है कि पेसा कानून को हुबहू लागू करके ही आदिवासियों के हक, अधिकार एवं संस्कृति को सुरक्षित किया जा सकता है। इस बैठक में मुख्य रूप से अजय लिंडा, बाना मुंडा, बंधु कच्छप, जयराम किस्फोटा, प्रदीप लकड़ा, दीपक आदि शामिल थे। 

 

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