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आज शीतकालीन सत्र का चौथा दिन, 1932 आधारित स्थानीय नीति विधेयक लाएगी सरकार

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द फॉलोअप डेस्कः 
आज विधानसभा के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन है। आज हेमंत सरकार एक बार फिर राज्य की स्थानीय नीति से संबंधित विधेयक सदन के पटल पर लाने जा रही है। बता दें कि राजनीति के लिए स्थानीय नीति एक बड़ा मुद्दा रहा है। जब जिसकी भी सरकार बनी सब ने स्थानीय नीति अपने-अपने ढंग से परिभाषित करने की कोशिश की। 2022 में झारखंड विधानसभा से पास बिल को राजभवन से लौटाए जाने के बाद राज्य सरकार के द्वारा इसमें आंशिक संशोधन कर 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति सदन के पटल पर रखने की तैयारी की गई है।


1932 पर सियासत शुरू
1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को सदन में आने से पहले इस पर सियासत शुरू हो गई है। सत्ता पक्ष जहां इस बिल को सदन से पास करा कर जनता का विश्वास जीतने की कोशिश में वहीं, विपक्ष सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करने में जुटा है। बता दें कि 1932 आधारित विधेयक के आलावा आंदोलनकारी परिवार के एक सदस्य को नौकरी में 5 प्रतिशत आरक्षण विधेयक इसके अलावा प्रज्ञान विश्वविद्यालय से जुड़ा विधेयक भी पेश करेगी सरकार। 


क्या कहते हैं आजसू विधायक 
आजसू विधायक लंबोदर महतो सरकार के इस कोशिश पर प्रतिक्रिय व्यक्त करते हुए कहते हैं कि राज्यपाल के द्वारा जिस तरह से टिप्पणी करते हुए इस बिल को लौटा दिया गया था उसके बावजूद सरकार यदि इसमें संशोधन किए बगैर सदन में लाने की कोशिश करती है तो कहीं ना कहीं वही स्थिति फिर से पैदा होगी और यह ढाक के तीन पात के जैसा साबित हो जाएगा। बता दें कि 15 दिसंबर से झारखंड विधानसभा का सत्र शुरू हुआ है, जो 22 दिसंबर तक चलेगा। इसमें कुल 6 कार्यदिवस हैं, जिसमें से कि आज चौथा दिन है। इस बार का सत्र कई मायनों में अहम है उसमें से एक सबसे महत्वपूर्ण है 1932 आधारित स्थानीय नीति विधेयक।