द फॉलोअप डेस्कः
मंत्री आलमगीर आलम की रिमांड अवधि आज से शुरू हो रही है। कोर्ट ने ईडी को 6 दिनों की रिमांड दी है। आलमगीर आलम के सामने उनके पीएस संजीव लाल को बिठाकर पूछताछ होगी। इस दौरान कई तथ्यों का मिलान किया जाएगा। जो अब तक ईडी के हाथ लगे हैं। ऐसे में आपको बताते हैं कि वो कौन से आठ कारण थे जिसकी वजह से कोर्ट ने ईडी को 6 दिनों की रिमांड दी है।
क्या है वो 8 कारण
1. आरोपी व्यक्ति एक प्रभावशाली है और मनी लाउंड्रिंग के अपराध में शामिल है।
2. तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले। इसकी पुष्टि आरोपी व्यक्ति से की जानी है
3. अवैध आय अर्जित करने में शामिल व्यक्तियों की पहचान करनी है।
4. गिरफ्तार संजीव कुमार लाल और जहांगीर आलम से मिली जानकारी के बारे में आलमगीर आलम से पूछताछ में पुष्टि की जानी है।
5. ठेकों में कमीशनखोरी में संलिप्त वरीय सरकारी अधिकारियों समेत अन्य व्यक्तियों की भूमिका की जांच करनी है, जिन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया है
6. आलमगीर आलम अपना बयान दर्ज कराते समय साथ नहीं दे रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया देने में टाल-मटोल कर रहे हैं
7. प्रोसिड्स ऑफ क्राइम से जिन आरोपी व्यक्तियों ने संपत्तियां अर्जित की हैं, उनकी पहचान करनी है
8. प्रोसिड्स ऑफ क्राइम कर मनी लाउंड्रिंग में शामिल कथित और संदिग्ध व्यक्तियों की भूमिका का पता लगाना है।
ईडी ने ग्रामीण विकास मंत्री को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश करते हुए रिमांड पिटीशन में कहा है कि झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में जारी कमीशनखोरी में मंत्री आलमगीर आलम को 1.5 प्रतिशत हिस्सा मिलता है। मंत्री को सितंबर 2022 में कमीशन में हिस्सेदारी के रूप में तीन करोड़ रुपये मिले थे। यह रकम एक इंजीनियर ने दी थी। जहांगीर के घर से मिले 32.20 करोड़ रुपये की वसूली, मंत्री के लिए संजीव लाल के निर्देश पर की गयी थी। बता दें की गुरुवार की रात आलमगीर आलम ने जेल में काटी। जेल में वह काफी तनाव में दिखे। उन्होंने खाना भी ठीक से नहीं खाया।