गिरिडीह
गिरिडीह के जवाहर नवोदय विद्यालय में गुरुवार सुबह एक छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जिससे पूरे विद्यालय में हड़कंप मच गया। घटना के बाद अन्य छात्र सहमे हुए हैं और उन्होंने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी। कई अभिभावक स्कूल पहुंचे और अपने बच्चों से मुलाकात की। इस घटना के चलते विद्यालय में पूरे दिन पढ़ाई बाधित रही, वहीं कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को घर ले जाने के लिए आवेदन दिया।
जानकारी के मुताबिक, 26 जनवरी को विद्यालय का साउंड बॉक्स खराब हो गया था, जिसके चलते बाहर से साउंड बॉक्स मंगाया गया था। जब शिक्षिका साउंड बॉक्स वापस भेजने लगीं, तो कुछ छात्रों ने उसे कुछ घंटे और रखने की मांग की, जिससे शिक्षिका और छात्रों के बीच बहस हो गई। इस दौरान शिक्षिका के पति, जो अनुबंध पर विद्यालय में कार्यरत हैं, भी विवाद में शामिल हो गए।
इसके बाद 29 जनवरी की रात विद्यालय के शिक्षक नवाब मेहंदी हसन के आवास पर किसी ने पत्थर और पटाखे फेंके। इस घटना से शिक्षकों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने छात्रों से नाम पूछना शुरू किया। बाद में हुई बैठकों में 11वीं कक्षा के चार छात्रों—अरमान मलिक, प्रवीण कुमार, कुंदन कुमार और मृतक राम कुमार यादव—को इस घटना के लिए दोषी ठहराया गया।
छात्रों का आरोप है कि शिक्षकों ने उन्हें बार-बार बुलाकर प्रताड़ित किया और उनके अभिभावकों को भी लगातार फोन कर शिकायतें कीं। सरस्वती पूजा के बाद, विद्यालय के प्राचार्य की अनुपस्थिति में एक बैठक बुलाई गई, जिसमें इन छात्रों को आचरण प्रमाण पत्र नहीं देने की बात कही गई। इसी तनाव के कारण राम कुमार यादव मानसिक रूप से परेशान हो गया और उसने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया।
इस दुखद घटना के बाद विद्यालय में भय का माहौल है। कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को घर ले जाने का निर्णय लिया, जिससे विद्यालय का माहौल और अधिक गंभीर हो गया है। अब इस मामले में प्रशासन और विद्यालय प्रबंधन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।