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कुड़माली भाषा को देश की 8वीं सूची में लाने के लिए होगा आंदोलन

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रांची

कुड़माली भाषा को देश की 8वीं सूची में लाने के लिए आंदोलन किया जायेगा। इस बात पर आज कुड़माली भाषा सम्मेलन में सहमति बनी। सम्मेलन का आयोजन साहित्य अकादमी, नई दिल्ली की ओर से डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची में किया गया। दो दिवसीय सम्मेलन का आज अंतिम दिन था। आज सम्मेलन में चार सत्र रखे गये थे। पहले सत्र में तीन विद्वानों द्वारा आलेख पाठ प्रस्तुत किया गया। डॉ गीता कुमारी सिंह ने कुड़माली के परंपरागत लोक गीत विषय पर आलेख प्रस्तुत किया। चाईबासा के प्रो सुबास चंद्र महतो ने कुड़माली समाज और संस्कृति के गीतों में नातेदारी पर आलेख प्रस्तुत किया। नंद किशोर महतो ने कुड़माली गीतों में प्रकृति चित्रण विषय पर बात की। इस सत्र के अध्यक्ष डॉ राजाराम महतो ने बताया कि कुड़माली अत्यंत समृद्ध भाषा है। इसे सहेजने की जरूरत है। 

दूसरा सत्र  

आज का दूसरा सत्र कुड़माली पारिवारिक गीत पर केंद्रित रहा। इसमें मारवाड़ी कॉलेज के डॉ वृंदावन महतो ने कुड़माली समाज एवं संस्कृति के खेल गीतों पर चर्चा की। डॉ मानसिंह महतो ने कुड़माली गीतों में नारी र्सौंदर्यीकरण को गीतों के माध्यम से प्रस्तुत किया। कथावाचक के रूप कुड़माली प्रो नीलु कुमारी ने कुड़माली की महिला लेखिकाओं के बारे में बताया। इस सत्र के अध्यक्ष एवं आयोजक कुड़माली विभाग के विभागाध्यक्ष के डॉ परमेश्वरी प्रसाद ने कुड़माली गीतों में नारी सशक्तिकरण पर जोर दिया। कहा कि कुड़माली गीतों में नारी के साहस को बखूबी दर्शाया गया है। इस पर शोध होना चाहिये। 

तीसरा सत्र  
आज का तीसरा सत्र कुड़माली के विविध विषयों पर केंद्रित था। इस सत्र में विष्णुपद महतो ने कुड़माली भाषा के विकास में संचार माध्यम के योगदान पर प्रकाश डाला। कहा कि हमें भाषा साहित्य के विकास के लिए आधुनिक संचार माध्यम का सहारा लेना होगा। डॉ रितेश कुमार महतो ने कहा कि कुड़माली समाज एवं संस्कृति में छउ, नटुआ, झुमर, माछानि के रूप में नृत्य देखने को मिलते हैं। लेकिन ये अब विलुप्ति की ओर जा रहे हैं। डॉ निताई चंद्र महतो ने कुड़माली भाषा में प्रकाशित अब तक की पत्र-पत्रिकाओं के बारे में बताया। कहा कि अभी कुड़माली में 40 से ज्यादा पत्रिकाएं प्रकाशित हो रही हैं। सत्र के अध्यक्ष अशोक कुमार पुराण ने कुड़माली संस्कृति में पाये जाने वाले लोक नृत्य पर अपना आलेख पाठ प्रस्तुत किया।

चौथा सत्र 
अंतिम सत्र में साहित्य अकादमी के सदस्यों, प्रतिभागी एवं विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा नृत्य गीत प्रस्तुत किया गया। आज का मंच संचालन कुड़माली विभाग के प्राध्यापक डॉ निताई चंद्र महतो ने किया। धन्यवाद ज्ञापन साहित्य अकादमी की ओर आये एन सुरेश बाबू ने किया। मौके पर विश्वजीत राय, छत्रपति शिवाजी महाराज विश्वविद्यालय मुंबई के कुलपति प्रो केशरी लाल वर्मा आदि उपस्थित रहे।