द फॉलोअप डेस्क, रांची
रांची के बड़ा तालाब का पानी सड़ चुका है। सड़े हुए पानी से निकल रही दुर्गंध आसपास के इलाकों में जहर की फैल रही है। आलम यह है कि बड़ा तालाब के पास रहने वाले लोगों का जीना मुहाल हो गया है। यकीन मानिए दुर्गंध ऐसी है कि तालाब के पास कुछ देर रुके तो आप की तबियत बिगड़ सकती है। इतना ही नहीं! तालाब के पास से गुजरने वाले स्कूली बच्चों के बेहोश होने की बात सामने आयी है। जिस बड़ा तालाब को सरकार ने पर्यटन स्थल बनाने का हरसंभव प्रयास किया। करोड़ों खर्च करने के बाद भी बड़ा तालाब की स्थिति नहीं बदली।
राज्य सरकार ने करोड़ो रूपये फूंक दिए
स्वामी विवेकानंद सरोवर जो कि बड़ा तालाब के नाम से शहर में चर्चित है। राज्य सरकार ने बड़ा तालाब को पर्यटन स्थल बनाने का पूरा प्रयास किया। इसके लिए लगभग 41 करोड़ रूपये खर्च किये गए। पहले तो पानी की साफ-सफाई के लिए एसटीपी मशीन लगवाई गई। रिपोर्ट के मुताबिक मशीन (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) 8 करोड़ की लागत से लगवाई गई लेकिन, बड़ा तालाब के पानी को साफ करने में मशीनें फेल हो गई। आकर्षण के लिए तालाब के बीचों-बीच स्वामी विवेकानंद की मूर्ति का निर्माण कराया गया। तालाब के चारों ओर टहलने के लिए पाथ-वे बनाया गया। रात में तालाब खूबसूरत दिखे इसे लेकर जगमगाते लाइट्स लगाए गए, लेकिन ये सब फेल हो गया। आलम यह है कि वहां रुकना तो दूर अब उस जगह से गुजरना दुश्वार हो गया है।
ऑक्सीजन की कमी से मर गई मछलियां
एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) मशीन से पानी की सफाई समय पर नहीं होने की वजह से पानी में गंदगी बढ़ने लगा। बढ़ती गर्मी और तापमान की वजह से बड़ा तालाब की पानी में ऑक्सीजन की कमी होने लगी। ऑक्सीजन की कमी की वजह से पानी के अंदर रसायनिक प्रक्रिया होने लगी। लगातार आग उगलती गर्मी से कोलीफॉर्म का मात्रा बढ़ने लगा, जिससे पानी जहरीला हो गया। ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा नहीं होने और पानी में जहरीले पदार्थ की वजह पानी में रहने वाली मछलियां और जीव - जंतु मारे गए। मरे हुए जीव-जंतु से दुर्गंध आ रही है। पानी का रंग मटमैला और हरा होने लगा है। यही वजह है कि आसपास के लोग दुर्गंध से बेचैन हैं। हालांकि, रांची उपायुक्त को सूचना मिलने के बाद अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। उपायुक्त राहुल सिन्हा ने कहा कि अधिकारी जितनी जल्द हो सके दुर्गंध को खत्म करें जिससे आसपास के लोगों को सांस लेने में समस्या न हो।