logo

2 लाख से ज्यादा नकद लेनदेन पर सख्ती: सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा जानना चाहिये 

SUPREME_COURT.jpg

द फॉलोअप डेस्क 
अगर आप दो लाख रुपये से अधिक की नकद लेन-देन कर रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान स्पष्ट कहा कि ऐसे मामलों की सूचना संबंधित क्षेत्रीय आयकर विभाग को अनिवार्य रूप से दी जानी चाहिए। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जरूरत पड़ने पर आयकर विभाग छापेमारी जैसी कड़ी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने कहा, “अज्ञानता व्यक्तिगत रूप से माफ़ की जा सकती है, लेकिन कानून के सामने नहीं। जब नियम बना है, तो उसका पालन हर नागरिक को करना होगा।”
यह टिप्पणी उस मामले पर सुनवाई के दौरान आई जिसमें एक व्यक्ति ने दावा किया कि उसने किसी संपत्ति की खरीद के लिए 75 लाख रुपये नकद एडवांस में दिए थे। कोर्ट ने इसे आयकर अधिनियम 1961 की धारा 269ST का सीधा उल्लंघन बताया।
देशभर की अदालतों और सब-रजिस्ट्रारों को निर्देश
शीर्ष अदालत ने देश की सभी निचली अदालतों और सब-रजिस्ट्रारों को निर्देश दिया है कि अगर उनके सामने ऐसा कोई मामला आता है, जिसमें दो लाख रुपये या उससे अधिक की नकद राशि के लेनदेन की बात हो, तो उसकी जानकारी तुरंत संबंधित आयकर विभाग को दी जाए।
रजिस्ट्री के मामलों में भी यदि किसी तरह का नकद भुगतान सामने आता है, तो सब-रजिस्ट्रार की यह ज़िम्मेदारी होगी कि वह इसकी सूचना इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दे, ताकि जांच और कानूनी कार्रवाई समय पर की जा सके।
क्या कहता है कानून?
आयकर अधिनियम की धारा 269ST के अनुसार, एक व्यक्ति को दो लाख या उससे अधिक की नकद राशि एक ही बार, एक ही व्यक्ति से, या एक दिन में लेने की अनुमति नहीं है। यह प्रावधान 1 अप्रैल 2017 से लागू है और इसका मकसद देश में नकद लेन-देन को सीमित करना और काले धन पर लगाम कसना है। इस नियम का उल्लंघन करने पर धारा 271DA के तहत उतनी ही राशि का जुर्माना लगाया जा सकता है, जितनी नकद राशि अवैध रूप से ली गई हो।

Tags - Nationa। News Nationa। News Update Nationa। News।ive Country News Breaking News।atest