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झारखंड विधानसभा : विशेष सत्र की हंगामेदार शुरुआत, कानून-व्यवस्था को लेकर बीजेपी ने सरकार को घेरा

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रांची: 

झारखंड विधानसभा का 1 दिवसीय विशेष सत्र सोमवार हो बुलाया गया है। सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही। भारतीय जनता पार्टी के विधायक विधानसभा भवन के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए और कानून-व्यवस्था के मसले पर सरकार को घेरा। बीजेपी विधायकों ने दुमका में अंकिता हत्याकांड, दुमका में ही एक नाबालिग किशोरी से दुष्कर्म और हत्या तथा चतरा में एसिड अटैक पीड़िता काजल कुमारी का मामला उठाते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा। बीजेपी विधायक तख्तियां लेकर मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

 

विधायकों ने ले रखी थी तख्तियां
बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल, अनंत ओझा, विरंची नारायण सिंह, रणधीर सिंह, अपर्णा सेनगुप्ता, भानुप्रताप शाही, अमित मंडल, ढुल्लू महतो, अमर बाउरी और समरी लाल तख्तियां लेकर मुख्य द्वार पर धरने पर बैठे। तख्तियों में दुमका की बेटी के हत्यारों को फांसी दो, दुमका की बेटी की हत्या की सीबीआई जांच हो, मुस्लिम तुष्टिकरण बंद हो और पांडू के महादलित परिवारों को उजाड़ने वालों को कड़ी सजा दो जैसे स्लोगन और नारे लिखे थे। इस बीच आजसू विधायक लंबोदर महतो 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति की मांग को लेकर धरने पर बैठे। 

तो इसलिए बुलाया गया था विशेष सत्र
गौरतलब है कि झारखंड में जारी सियासी हलचल के बीच हेमंत सरकार ने विधानसभा का 1 दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है। इस सत्र में सरकार विश्वास मत प्रस्तुत करेगी। कहा जा रहा है कि बीजेपी की तरफ से हॉर्स-ट्रेडिंग की कोशिशों के बीच सरकार सदन में बहुमत साबित करना चाहती है। आज बहुमत साबित करने के बाद पश्चात अगले 6 महीने तक सरकार को ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बता दें कि खनन पट्टा लीज मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता जाने की चर्चा है। हालांकि, महागठबंधन के पास पूर्ण बहुमत है और सरकार को कोई खतरा नहीं। 

बीजेपी ने सत्र के औचित्य पर उठाए सवाल
बता दें कि इस सत्र में सरकार स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण के मसले पर भी कुछ हैरान करने वाला फैसला कर सकती है। इस बीच बीजेपी विधायकों ने सत्र के औचित्य पर सवाल उठाया था। दूसरी ओर बीजेपी ने दुमका में हालिया दिनों में हुई अलग-अलग वारदातों को लेकर भी सरकार को घेरा।