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मासस के भाकपा माले में विलय से पार्टी को मिली नई धार, अब 4 सीटों पर दावा मजबूत

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- चार सीटों सिंदरी, निरसा, बगोदर तथा राजधनवार से प्रत्याशी उतारना चाहती है भाकपा माले
- भाकपा माले के सांसद राजाराम सिंह तथा मासस के कार्यकारी अध्यक्ष अरुप चटर्जी ने दोनों पार्टियों के विलय का ऐलान शनिवार को किया था


दयानंद राय, रांची
मासस में भाकपा माले के विलय से न सिर्फ पार्टी को एक नयी धार मिली है बल्कि राज्य की चार सीटों पर उसकी दावेदारी का आधार भी मजबूत हुआ है। भाकपा माले का राज्य की चार सीटों सिंदरी, निरसा, बगोदर तथा राजधनवार में मजबूत राजनीतिक आधार रहा है। पार्टी 2024 में होनेवाले विधानसभा चुनावों में भी इन सीटों पर लड़ने को इच्छुक है। विलय के बाद अब यदि पार्टी इन सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव देती है तो उसे अधिक गंभीरता से सुना जायेगा।
एकीकृत भाकपा माले की ताकत बढ़ेगी, राजनीतिक जमीन और पुख्ता होगी
वरिष्ठ पत्रकार सुधीर पाल ने मासस और भाकपा माले के विलय की जरूरत और उसके असर पर कहा कि लंबे समय से भाकपा माले में मासस के विलय की मांग हो रही थी, इसके महत्व को दोनों पार्टियों ने समझा और विलय का समझदारी भरा फैसला लिया। भाकपा माले और मासस दोनों ही कोलियरी क्षेत्र में जनाधारवाली पार्टियां हैं। अब जहां भाकपा माले मजबूत हैं वहां मासस के कैडर के समर्थन से उसे और ताकत मिलेगी और जहां वो कमजोर है वहां भी उसे मासस से ताकत मिलेगी। यानि दोनों ही स्थितियों में पार्टी और मजबूत होकर उभरेगी। उसका कैडर बढ़ेगा तो स्वभाविक है कि उसकी ताकत बढ़ेगी। जब पार्टी ताकतवर होगी तो उसकी मांगों को अनसुना करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि विलय की टाइमिंग बहुत अच्छी है और इससे एकीकृत भाकपा माले को निश्चित तौर पर चुनावों में फायदा मिलेगा।


अब कार्यकर्ताओं को एकजुट करेगी पार्टी  
शनिवार को भाकपा माले में मासस के विलय की घोषणा के बाद अब पार्टी अब कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए एकता रैली आयोजित करने जा रही है। इस बाबत मासस के जिलाध्यक्ष पवन महतो कह चुके हैं कि पार्टी कार्यकर्ताओं की एकजुटता के लिए 9 सितंबर को धनबाद में एकता रैली आयोजित करेगी। रैली में भाकपा माले के महासचिव समेत पार्टी के केंद्रीय स्तर के सभी नेता मौजूद रहेंगे।
बीजेपी भगाओ रहेगा रैली का नारा
एकता रैली में एकीकृत भाकपा माले का नारा बीजेपी भगाओ, लूट मिटाओ तथा बिरसा के सपनों का झारखंड बनाओ होगा। विलय के बाद मासस तथा भाकपा माले के संगठन के केंद्रीय स्तर से लेकर ग्रासरूट लेवल तक के एकीकरण की प्रक्रिया एक महीने में पूरी कर ली जायेगी। एकीकृत पार्टी ने बीजेपी के विधानसभा सीटों की एक सूची भी तैयार  है।एकीकृत पार्टी बीजेपी के खिलाफ मजबूत गठबंधन चाहती है और विधानसभा क्षेत्र में अपने-अपने आधारों से पूरी ताकत से चुनाव की तैयारी में जुटेगी।
गठबंधन ने नहीं दिया भाव तो अकेले 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी पार्टी 
भाकपा माले झारखंड में आसन्न विधानसभा चुनाव गठबंधन के घटक दल के रूप में लड़ना चाहती है। पार्टी सिंदरी, निरसा, बगोदर तथा राजधनवार से प्रत्याशी उतारना चाहती है। यदि पार्टी को ये सीटें नहीं मिलती है तो पार्टी राज्य में अकेले 25 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्लान तैयार कर चुकी है।


 

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