भक्ति पांडेय/साहिबगंज:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में अवैध उत्खनन और अवैध परिवहन पर पूरी सख्ती के साथ रोक लगाने की हिदायत दी थी। हालांकि, मुख्यमंत्री के निर्देश का साहिबगंज में सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक अवैध परिवहन की निगरानी के लिए स्थापित चेकनाका में अनियमितता बरती जा रही है। अवैध ढंग से सामान की ढुलाई कर रहे वाहनों को बिना माइनिंग चालान के भी पार करने दिया जा रहा है। इस काम के लिए प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों पर वाहनों को चेकनाका पार कराने के एवज में घूस लेने का आरोप लगा है। मामला रिसौड़ चेकनाका है।
रिसौड़ चेकनाका में अनियमितता
मिली जानकारी के मुताबिक बरहड़वा-फरक्का मुख्य मार्ग स्थित रिसौड़ चेकनाका में अनियमितता की बात सामने आई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक रिसौड़ चेकनाका में इन दिनों माइनिंग चालान की चेकिंग के लिए 24 घंटे दंडाधिकारी की नियुक्ति की गई है। निर्देश है कि बिना माइनिंग चालान के किसी भी वाहन को परिवहन की इजाजत ना दी जाये। यदि कोई वाहन इसका उल्लंघन करता पाया जाता है तो तुरंत इसकी जानकारी सक्षम प्राधिकार को दी जाये।
बिना माइनिंग चालान के ही जाने दिया
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले यहां एक वाहन को बिना माइनिंग चालान के ही जाने दिया गया। इसके एवज में रुपये ऐंठने का भी आरोप है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक रिसौड़ चेकनाका में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी ने ट्रक संख्या- NL/01/AD/0635 को जाने दिया जबकि माइनिंग चालान की समय सीमा खत्म हो चुकी थी। सूत्र का कहना है कि ट्रक चेकनाका से रात को 8 बजकर 41 मिनट पर गुजरा लेकिन रजिस्टर में समय 8 बजकर 30 मिनट दर्ज किया गया। हालांकि, उक्त ट्रक को बरहड़वा थाना प्रभारी रविंद्र कुमार ने मेहदीदंगा में जब्त कर लिया और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रदीप उरांव को सूचना दी।
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने की जांच
सूचना मिलते ही अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रदीप उरांव दल-बल के साथ वहां पहुंचे और कागजातों की जांच की। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने छानबीन में पाया कि माइनिंग चालान का समय चेकनाका पार करने से पहले ही खत्म हो चुका था लेकिन दंडाधिकारी ने घूस लेकर इसे जाने दिया। इस स्थिति में अवैध खनन और परिवहन पर रोक कैसे लगेगी।