नियोजन नीति को लेकर विपक्षी दल के विधायकों ने शनिवार को विधानसभा में वेल में पहुंचकर जमकर हंगामा किया। इस दौरान उन्होंने इसे लेकर सरकार से जवाब देने की मांग। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि किस कारण से हाईकोर्ट ने नियोजन नीति को रद्द किया है, यह सभी विधायक जानते हैं। यह सही है कि नियोजन नीति को कैबिनेट से पारित कराया गया है। 13 मार्च को सरकार इस मामले पर सदन में जवाब देगी। इसके बाद भी भाजपा विधायकों का हंगामा जारी रहा, जिसे देखते हुए स्पीकर ने सदन को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
यह भी पढ़ें: निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की बढ़ी मुश्किलें, दिल्ली में भी हुआ केस दर्ज
पिछले दरवाजे से नई नियोजन नीति को दी मंजूरी- नीलकंठ सिंह मुंडा
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने भी सरकार पर सदन की अवमानना करने का आरोप लगाया। उन्होनें कहा कि इसी सदन से सर्वसम्मति से नियोजन नीति पारित हुई है। इस समय 1932 आधारित स्थानीय नीति पारित की गई थी। अभी जो कैबिनेट आए नियोजन नीति आयी है वाज 2016 वाली नीति है। कहा कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि 1932 पर सरकार क्यों बैकफुट पर आई है। यह झारखंड के लोगों के साथ धोखा है। उन्होनें कहा कि नियोजन नीति पर हाई कोर्ट ने क्या निर्णय दिया है यह सरकार को सदन में बताना चहिए। पिछले दरवाजे से सरकार ने नई नियोजन नीति को मंजूरी दी है। यह सदन का अवमानना है। पहले नियोजन नीति पर चर्चा होनी चाहिए। इसके बाद विपक्ष के विधायकों ने वेल में आकर हंगामा शुरू किया। विपक्ष के हंगामे के कारण स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12 बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दिया।
लोबिन हेम्ब्रेन में अपनी ही सरकार के खिलाफ किया आवाज बुलंद
झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रेन ने अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद किया। उन्होनें कहा कि इसी सदन से नियोजन नीति पारित हुई थी और अब दो दिन पहले सरकार ने कैबिनेट से नई नियोजन नीति को मंजूरी दी है। जो विधेयक सदन से पारित हो गया उसे बिना वापस लिए फिर से कैबिनेट से पारित कराना नियमसंगत नहीं है। उन्होनें कहा कि सरकार सदन का अवमानना कर रही है। चलते सत्र में सरकार ने 1932 आधारित नियोजन नीति पारित कराई।
हमारे वाट्सअप ग्रुप से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: https://chat.whatsapp.com/EUEWO6nPYbgCd9cmfjHjxT