द फॉलोअप डेस्क, न्यूज:
झारखंड में आलमगीर आलम के इस्तीफे के बाद खाली हुए मंत्रिपद और कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन को लेकर पार्टी की राज्य इकाई ने गेंद केंद्रीय नेतृत्व के पाले में डाल दी है। आज सर्किट हाउस में कांग्रेस की बैठक में यह फैसला लिया गया। गौरतलब है कि कथित टेंडर कमीशन घोटाला केस में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री रहे आलमगीर आलम के इस्तीफे के बाद चंपाई कैबिनेट में कांग्रेस कोटे से ही किसी को मंत्री बनाया जाना है। पिछले कुछ दिनों से मंत्रिपद के लिए 2 नामों की सर्वाधिक चर्चा थी। महागामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह और जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी। हालांकि, मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक समुदाय से ही किसी विधायक को मंत्री बनाए जाने की चर्चा में इरफान अंसारी का पलड़ा भारी है।
विधायक दल के नेता पर भी होगा विमर्श
बता दें कि झारखंड में आलमगीर आलम ही कांग्रेस विधायक दल के नेता भी थे। उनकी गिरफ्तारी और फिर इस्तीफे के बाद विधायक दल के नेता की भी तलाश है। विधायक दल के नेता के तौर पर पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव के नाम की सर्वाधिक चर्चा है। वहीं, दूसरा नाम रामचंद्र सिंह का भी लिया जा रहा है।