द फॉलोअप डेस्क
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने निशिकांत दुबे के बयान पर निंदा प्रकट की है। उन्होंने कहा है कि लोकसभा देश की सबसे बड़ी पंचायत है और वहां झारखंड के संथाल परगना के साथ ही बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों को मिलाकर अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग करना झारखंड की अस्मिता के साथ ही इसके सम्मान और सभी झारखंडवासियों की पहचान से खिलवाड़ है।
निशिकांत की सुलगाई चिंगारी को बुझाने का प्रयास कर रहे हैं बाबूलाल और अमर बाउरी
बंधु तिर्की ने कहा कि सांसद निशिकांत दुबे के वक्तव्य के बाद अब यह फिर से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा और इसके नेताओं सहित इसके सांसद और विधायक की मंशा क्या है और वे झारखंड को किन नजरों से और किस दृष्टिकोण से देखते हैं? वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि निशिकांत दुबे ने जिस गंभीरता के साथ झारखंड की अस्मिता, इसकी पहचान और सभी झारखंडियों के आत्म सम्मान पर हमला किया है, उसके बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और विधानसभा में विधायक दल के नेता अमर बाउरी द्वारा उसे सांसद का व्यक्तिगत बयान बताना पूरी तरीके से समझ से परे है क्योंकि लोकसभा में यदि कोई सांसद अपना वक्तव्य देता है तो वह पूरी समझ के साथ देता है साथ ही वह कभी भी पार्टी के दिशा-निर्देश की अवहेलना नहीं कर सकता।
काफी आंदोलन के बाद मिला था झारखंड
बंधु तिर्की ने कहा कि निशिकांत दूबे की सुलगाई चिंगारी को बुझाने का बाबूलाल मरांडी और अमर बाउरी असफल प्रयास कर रहे हैं जिसमें उन्हें सफलता नहीं मिलेगी। तिर्की ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा कोई आम सभा नहीं है जहां जिसे जो मर्जी आये बोल दे। उन्होंने कहा कि भाजपा को गंभीरता के साथ यह सोचना चाहिए कि झारखंड प्रदेश के गठन के लिए दिशोम गुरु शिबू सोरेन के साथ ही हज़ारों क्रांतिकारियों और आंदोलनकारियों ने अभियान चलाया और आंदोलन चलाया तभी जाकर अलग झारखंड प्रदेश मिला और झारखंड की अपनी पहचान बनी। जबकि अपनी अलग संस्कृति, भौगोलिक वातावरण के साथ ही अलग प्रदेश की जरूरत और यहां मौजूद खनिजों, मानव संसाधन और औद्योगिक वातावरण को देखते हुए झारखंड की जरूरत बहुत पहले से थी. लेकिन इतने तीव्र आंदोलन और लंबी प्रतीक्षा के बाद मिले झारखंड के बंटवारे की बात कहना पूरी तरीके से झारखंड की जमीन के प्रति गद्दारी है और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।