रांची
जेएमएम प्रवक्ता बाबुल सुप्रियो ने आज कहा कि पिछले कुछ दिनों से बीजेपी की ओऱ से उत्पाद सिपाही की बहाली को लेकर तथ्यहीन बातें की जा रही हैं। कहा कि इसके लिए दौड़ के दौरान जो दर्दनाक मौतें हुई, उनको लेकर बिना किसी तथ्य और सही जानकारी के एक से एक बयान दिये जा रहे हैं। कहा, मौत को इन्होंने एक राजनीतिक मुद्दा बना दिया। लेकिन चीजें अब धीरे-धीरे साफ हो गयी हैं। कहा कि मैंने लगभग एक सप्ताह पहले कहा था कि इन मौतों का कारण दौडते हुए सांस फूलना हो सकता है। ये बात मैंने कुछ डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद कही थी। सुप्रियो ने कहा कि कहीं न कहीं इसमें पोस्ट कोरोना का प्रभाव है, ये आशंका उन्होंने पहले भी जाहिर की थी। कहा कि जेएमएम को मौत की राजनीति नहीं करनी है। किसी की संवेदनाओं के साथ खेलना नहीं है। कहा कि इस अकाल मृत्यु का कारण खोजे बिना इस पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिये। मौत के असली कारणों को अब विशेषज्ञ चिकित्सक बता रहे हैं। कहा कि मैंने पहले कहा था शायद कुछ एस्ट्रोयॉड लिये गये होंगे, जिसको शरीर एडजस्ट नहीं कर पाया।
जेएमएम प्रवक्ता बाबुल सुप्रियो ने आज पीसी कर कहा कि झारखंड सरकार ने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का दायरा बढ़ा दिया है। कहा कि अब इस योजना में 18 से 20 वर्ष तक की युवतियों को भी शामिल कर लिया गया है। यानी अब उनको भी योजना के तहत हर माह एक हजार रुपये मिलेंगे। कहा कि इसी अवस्था में महिलाओं के जीवन का नया अध्याय शुरू होता है। इसी के बाद करियर या घर-गृहस्थी की जिम्मेवारी से उनको गुजरना पड़ता है। राज्य सरकार ने ये एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। ये एक ऐसी सोच है, जिससे देश में पहली बार महिलाओं को उनके जन्म से लेकर मृत्यु तक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। कहा युवतियों को पढ़ाई के दौरान सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत लाभ पहुंचाया जाता है। अब पढाई के बाद उनको ये सामाजिक सुरक्षा कवच उनको दिया गया है।
जेएमएम नेता ने कहा, बहुत सारे लोगों को इससे परेशानी भी रही है। उनको डर है कि महिलाएं आत्मनिर्भर हो जायेंगी। उनकी पुरुष प्रधान मानिसकता को कहीं न कहीं इस योजना से आघात लगेगा। कहा कि हमारे बीच ऐसे भी राजनीतिज्ञ हैं, जो आदिवासी, मूलवासी और पिछड़ों आदि के साथ महिलाओं को भी पिछड़ा और कमजोर बनाये रखना चाहते हैं। कहा कि समाज के एक बड़े वर्ग में वे धार्मिक उन्माद फैलाना चाहते हैं। उनको दिशाहीन करना चाहते हैं। लेकिन ये झारखंड है। 1855 में जब अंग्रेजों के खिलाफ पहला विद्रोह हुआ तब, उसके नायक सिदो-कान्हो, चांद भैरव के साथ उनकी दो बहनें फूलो और झानो भी लड़ाई के मैदान में उतरीं। कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ाना न केवल सरकार की सोच है, बल्कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की भी सोच है।
कहा कि हमारी सरकार कोई भी ऐसा काम नहीं करेगी जिससे किसी के थोड़ा भी आहत होने का डर हो। लेकिन मुद्दाविहीन हो चुकी बीजेपी कहां जायेगी। उनको तो मुद्दा चाहिये। कहा कि चुनाव नजदीक देखकर बीजेपी ऐसा कर रही है। सुप्रियो ने कहा कि वे बहुत विनम्रता के साथ बीजेपी से कहना चाहते हैं कि इस तरह की नकारात्मक राजनीति करना अब बंद करें। कहा कि बीजेपी के पास अगर कुछ सोच है और वो उस सोच के साथ आगे बढेगी तो अच्छा होगा। उन्होंने बीजेपी से कहा कि आप हमारे साथ राजनीतिक लड़ाई लड़िये, मर्यादित लड़ाई लड़िये, मुद्दाआधारित लड़ाई लड़िये, भ्रम मत फैलाइये।