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सुप्रियो भट्टाचार्य ने मणिपुर और परिसीमन पर उठाए सवाल, कहा- विस्तार की रणनीति पर काम कर रही RSS

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द फॉलोअप डेस्क 

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने RSS के शताब्दी वर्ष और मणिपुर के हालात पर प्रेस वार्ता में कई अहम मुद्दों को उठाया। उन्होंने कहा कि 2025 में RSS का शताब्दी वर्ष मनाया जाएगा, जिसे पहले आनंदमई वर्ष के रूप में घोषित किया गया था, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि इस वर्ष का जश्न नहीं, बल्कि RSS का विस्तार होगा। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में तीन दिनों तक चली विचार-विमर्श बैठक में यह बात सामने आई कि यह वर्ष RSS के विस्तार का होगा, न कि किसी उत्सव का।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने मणिपुर की स्थिति पर भी सवाल उठाए और कहा कि RSS और बीजेपी दोनों का मानना है कि मणिपुर में 20 महीने से हिंसा जारी है और इसे सुधारने में कई साल लगेंगे। जब सरकार से इस बारे में सवाल किया गया, तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। भट्टाचार्य ने कहा कि इस्कॉन और चिन्मय मिशन जैसे संगठन मणिपुर में काम कर रहे हैं, लेकिन RSS और बीजेपी के कोई ठोस कदम नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी मणिपुर के जनजातीय समुदाय के साथ भेदभाव कर रही है और उनके अधिकारों की अनदेखी कर रही है।
इसके अलावा, भट्टाचार्य ने परिसीमन के मुद्दे पर भी RSS और बीजेपी की नीतियों को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि RSS ने परिसीमन को लेकर चेतावनी दी थी कि यह राज्यों के बीच खाई पैदा करेगा, खासकर दक्षिण भारतीय राज्यों में। उनका कहना था कि परिसीमन दलित, आदिवासी और मूलवासी समुदायों के खिलाफ होगा, जिससे उनकी आवाज दब जाएगी। भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि RSS ने 2011 की जनगणना के आधार पर 2025 में परिसीमन की प्रक्रिया शुरू करने का विरोध किया था, क्योंकि इससे राष्ट्रीय संतुलन बिगड़ेगा और बहुसंख्यक समुदायों का प्रभुत्व बढ़ेगा।
भट्टाचार्य ने यह भी सवाल उठाया कि अगर RSS इन मुद्दों को समझती है, तो बीजेपी क्यों नहीं समझ रही है। उन्होंने यह सुझाव दिया कि नेता प्रतिपक्ष, जो खुद आदिवासी समुदाय से हैं और RSS से जुड़े रहे हैं, को इन मुद्दों को सदन में उठाना चाहिए। इस प्रेस वार्ता में सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक बार फिर से मणिपुर और परिसीमन को लेकर बीजेपी की कड़ी आलोचना की और जवाब तलब किया।
 

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