रांचीः
झारखंड के DGP नीरज सिन्हा के खिलाफ एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें कहा गया था कि वह सेवानिवृत्ति होने के बाद भी अपने पद पर बने हुए हैं। इस याचिका पर जल्द सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया था लेकिन अब शीर्ष अदालत याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गई है। कोर्ट अब झारखंड के डीजीपी के पद पर बने रहने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई करेगी। इस मामले में राजेश कुमार ने याचिका दाखिल की है।
राजेश कुमार हैं याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता राजेश कुमार ने आरोप लगाया है कि डीजीपी नीरज सिन्हा 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो गये। इसके बाद भी वह पद पर बने हुए हैं। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ को बताया गया कि इस अवमानना याचिका को पिछले साल सितंबर में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया था, लेकिन यह अब तक सुनवाई के लिए नहीं आई है। पीठ ने कहा है, ‘‘मुझे मामलों की फाइल दीजिए, हम देखेंगे.'' इस याचिका का पहले तीन फरवरी और फिर नौ फरवरी को तत्काल सुनवाई के लिए जिक्र किया गया था।
सरकार ने अधिसूचना जारी की थी
बता दें कि अब सरकार की तरफ से भी यह अधिसूचना जारी की गई थी कि डीजीपी रिटायर होने के बाद भी अपने पद पर दो साल तक बने रहेंगे। डीजीपी 11 फरवरी 2021 को DGP बने थे। 31 जनवरी 2022 को उन्हे सेवानिवृत्ति होना था लेकिन जुलाई 2021 में झारखंड सरकार ने अधिसूचना जारी कर कहा कि दो साल तक पद पर बने रहेंगे।