द फॉलोअप डेस्क
होटवार जेल के अधीक्षक (Superintendent) और IG ने ये स्वीकार किया है कि योगेंद्र तिवारी ने प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को जेल के लैंड लाइन फोन से धमकी/चेतावनी दी। दैनिक प्रभात खबर की वेबसाइट में इस आशय की खबर प्रकाशित की गयी है। खबर में आगे कहा गया है कि धमकी देने की बात की तस्दीक जेल अधीक्षक सह रांची ADM नक्सल रामवृक्ष राम और जेल IG उमा शंकर सिंह ने की है। बता दें कि इसी मामले में जेल IG ने जेलर प्रमोद कुमार, मुख्य उच्च कक्षपाल अवेधश सिंह और कंप्यूटर ऑपरेटर पवन कुमार को सस्पेंड कर चुके हैं। लेकिन मामले के आरोपी योगेंद्र तिवारी के खिलाफ अब तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गयी है।
खेलगांव थाना में दर्ज की गयी प्राथिमिकी
प्रधान संपादक को धमकी अथवा चेतावनी मामले में जेल अधीक्षक ने गत 31 दिसंबर को मुकदमा दर्ज करने के लिए लिखित आवेदन दिया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि योगेंद्र तिवारी ने जेल की लैंड लाइन फोन से प्रभात खबर के प्रधान संपादक के लिए चेतावनी भरे शब्दों का इस्तेमाल कर उनसे बात की है। वहीं, आरोपी योगेंद्र तिवारी ने भी जेल अधीक्षक की ही पूछताछ में प्रधान संपादक से बात करने की बात को स्वीकार किया है। बता दें कि दो सदस्यीय जांच कमेटी ने इस मामले में अपनी जांच रिपोर्ट जेल IG को सौंप दी है।
7 मोबाइल रखता था योगेंद्र तिवारी
गौरतलब है कि शराब घोटाला मामले में योगेंद्र तिवारी को लेकर ED ने चौकाने वाले खुलासे किये हैं। ED ने योगेंद्र तिवारी के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है। कोर्ट को ED ने बताया है कि योगेंद्र तिवारी शराब कारोबार के संचालन के लिए 7 अलग-अलग मोबाईल का इस्तेमाल करता था। बताया कि ED को चकमा देने लिए सातों मोबाईल में अलग-अलग समय पर 2 सिम कार्ड का इस्तेमाल करता था। 23 अगस्त को जब योगेंद्र तिवारी के ठिकानों पर छपा मारा गया तो बालू और शराब व्यापार से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज ED को मिले। ED ने कोर्ट को आरोप पत्र के माध्यम से बताया कि जिन ठिकानों पर छापा मारा गया था, वहां सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे, लेकिन सीसीटीवी में लगे हार्ड डिस्क को भी हटा दिया गया था।