द फॉलोअप डेस्क
जेल में बंद गैंगस्टर अमन सिंह हत्याकांड मामले में पुलिस जांच कर रही है। पुलिस अमन पर गोली चलाने वाले रितेश यादव उर्फ सुंदर महतो से सरायढेला में लगातार पूछताछ कर रही है। पूछताछ में सुंदर ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसने बताया कि जब अमन अस्पताल वार्ड में बेड पर लेटकर गाना सुन रहा था। उसी वक्त मैं वहां पहुंचा और उसके सीने में 9 गोलियां दाग दी। अंत में उसके सिर में एक गोली मारी। पूरे तरह से संतुष्ट होने के बाद वह वहां से हटा। आरोपी ने कहा कि मैगजिन में कुल 14 गोलियां थी। जानकर हैरान होगी कि रितेश यादव अमन के करीबियों में से एक था। वह अमन का सेवक था। उसका पैर दबाया करता था।
बंदूक को जेल परिसर के बाहर फेंका
रितेश में पूछताछ में आगे बताया कि अमन को गोली मारने के बाद रितेश ने बंदूक को जेल परिसर के बाहर फेंक दिया। हालांकि अबतक उसने इस बात को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है कि उसे बंदूक किसने दिया। बंदूक जेल के अंदर कैसे आई। उसने पुलिस को कहा कि वह जेल में कुछ दिन पहले ही आया है। उसे सारे बंदियों के नाम मालूम नहीं हैं। लेकिन अमन को गोली मारने से पहले और बाद में उसने कुछ बंदियों की बात की थी। जिनमें से कुछ के नाम आरोपी ने पुलिस को बताया है। पुलिस लगातार उससे पूछताछ करके तमाम सवालों के जवाब उगलवाने में लगी है।
अमन ने जताई थी हत्या की आशंका
गैंगस्टर अमन सिंह ने कुछ दिन पहले अपनी हत्या की आशंका जताई थी। उसने 18 जुलाई 2022 में धनबाद जेल में पेशी के दौरान मीडिया के सामने चिल्ला-चिल्लाकर कहा था कि मुझे जान का खतरा है। इस कारण से वह जेल में अपने आसपास लोगों को भटकने नहीं देता था। गिने-चुने लोग ही उसके वार्ड के अंदर आते थे। इनमें से एक का रितेश यादव। रितेश 25 नवंबर को ही जेल आया था। दो दिन के अंदर ही वह अमन का करीबी बन गया। उसका सेवक बनकर पैर दबाने लगा। लेकिन अमन को क्या पता था कि उसका पैर दबाने वाला ही उसे गोलियों से भून देगा।