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सुदेश ने सदन में JSSC-CGL पेपर लीक का मामला उठाया, CM बोले- जल्द होगी कार्रवाई

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द फॉलोअप डेस्क
AJSU सुप्रीमो सुदेश महतो ने आज विधानसभा में JSSC-CGL परीक्षा पेपर लीक का मामला उठाया। सुदेश ने कहा कि JSSC-CGL परीक्षा का पेपर हुआ। छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इस मामले पर सरकार क्या कर रही है। सुदेश के इस सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने आश्वासन दिया है कि मामले पर जल्द कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि 28 जनवरी को JSSC-CGL की परीक्षा ली गई थी। परीक्षा खत्म होने के तुरंत बाद छात्रों ने हंगामा किया कि पेपर लीक हो गया है। जिसके बाद JSSC द्वारा 28 जनवरी की तीसरी पाली की परीक्षा रद्द कर दी गई। उसके बाद 31 जनवरी को छात्रों ने जेएसएससी कार्यलय का घेराव किया था। जिसके बाद 28 जनवरी के सारे पेपर को रद्द कर दिया गया था। इसके साथ ही 4 फरवरी को दूसरी चरण में होनी वाली परीक्षा को भी स्थगित कर दिया गया था।

JSSC मुख्यालय का छात्रों ने किया था घेराव

31 जनवरी को पेपर लीक मामले को लेकर JSSC कार्यालय के बाहर हजारों की संख्या में छात्र JSSC मुख्यालय का घेराव किया था। छात्रों की मांग थी कि 28 जनवरी की तीनों परीक्षा को रद्द किया जाए इसके साथ ही 4 फरवरी को होने वाली परीक्षा को स्थगित कर दिया जाए। इसे लेकर भारी संख्या में छात्र JSSC मुख्यालय का घेराव करने पहुंचे। इस दौरान पुलिस बल की तरफ से छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया। वहीं दूसरी ओर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों की तरफ से वहां तैनात जवानों पर पत्थरबाजी की गई थी। घटनास्थल पर अफरा-तफरी के हालात हो गए थे। जवान, प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को खदेड़ रही थी। इसके साथ ही आक्रोशित अभ्यर्थियों ने जेएसएससी अध्यक्ष नीरज सिन्हा की गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया था। जिसके बाद आयोग की ओर से उनकी मांग को पूरा करते हुए 28 जनवरी की परीक्षा को रद्द किया गया। साथ ही 4 फरवरी को होने वाले परीक्षा को स्थगित कर दिया गया।

8 साल से नहीं हुई है परीक्षा

गौरतलब है कि झारखंड में JSSC CGL भर्ती परीक्षा का आयोजन करीब 8 साल बाद किया गया था। इसे लेकर छात्रों में काफी उत्साह था। साथ ही सरकारी नौकरी को लेकर एक उम्मीद जागी थी। लेकिन इस बार भी छात्रों के हाथ निराशा ही लगी। आरोप है कि पेपर लीक कर दिया गया। बता दें कि बीते 8 साल से कई कारणों से नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। परीक्षा की प्रक्रिया बार-बार शुरू होती है और फिर किसी न किसी कारण से रद्द हो जाती है। 2015 में यह परीक्षा देने वाले हजारों अभ्यर्थियों की उम्र सीमा भी समाप्त हो गई है। लेकिन अभ्यर्थियों के नौकरी पाने के सपना पूरा नहीं हो सका।