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3 अप्रैल को सरायकेला खरसावां में छात्र निकालेंगे आक्रोश मार्च, छात्रों का दावा- संथाल का बंद रहा ऐतिहासिक

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द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन संथाल परगना ईकाई ने आज संथाल परगना बंद बुलाया था। हजारों की संख्या में छात्र सड़क पर उतरे। हेमंत सरकार के खिलाप खुल कर नारेबाजी की। सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। वाहनों के आवागमन को भी रोका गया, मोटर साइकिल तक नहीं चलाने दिया गया। छात्रों ने बजरा बंद कराया। स्टूडेंट यूनियन का सरकार से मांग है कि 60_40 नियोजन नीति को वापस करते हुए खातियान आधारित नियोजन नीति लागू किया जाय। ओबीसी वर्गों की जनसंख्या अनुपात को देखते हुए आरक्षण रोस्टर जारी किया जाय। प्रतियोगिता परीक्षा फॉर्म भरते समय स्थानीय प्रमाण पत्र, क्रमांक संख्या भरना अनिवार्य किया जाय। छात्रों का दावा है कि संथाल परगना का बंद रहा ऐतिहासिक। 


3 अप्रैल को सरायकेला खरसवां में आक्रोश 
छात्रों की मांग है कि राज्य के सभी राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय परीक्षाओं में  क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा का परीक्षा अनिवार्यता की जाए। सभी प्रतियोगिता परीक्षा में झारखंड सामन्य ज्ञान का एक स्पेशल पेपर रखा जाय। जिसमें झारखंड की रीति रिवाज, भाषा संस्कृति परम्परा पर आधारित हो,  झारखंडी छात्रों के लिए उम्र सीमा में 5 वर्ष का विशेष छूट हो, उत्तराखंड के तर्ज़ पर पेपर लीक कानून बनाया जाय। अगर सरकार छात्रों की मांग नहीं  मानती है तो आगे आंदोलन जारी रहेगा। आगामी 3 अप्रैल को कोल्हान के सरायकेला खरसावां में छात्रों का आक्रोश मार्च निकाला जायेगा। आगे सम्पूर्ण झारखंड में चक्का जाम किया जायेगा। आज के बंदी कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से क्रांतिकारी देवेन्द्र नाथ महतो,  छात्र नायक मनोहर टुडू,  राजीव वास्की , चंदन, रसिक अंसारी, शर्मिला बेसरा, प्रेम मरांडी, अजय टुडू, दिलीप दास,  बिनोद मुर्मू, सुनीता किस्कू,  बिस्वजीत मरांडी, रूपेश के अलावा अन्य सेंकड़ों छात्रों का अहम योगदान रहा l