द फॉलोअप डेस्क, रांची
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के बयान पर झामुमो ने आपत्ति दर्ज की। इस बाबत झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता की। दरअसल, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन गुरुवार को दिल्ली से लौटे और फिर पत्रकारों से मुलाकात की। इस दौरान राज्यपाल ने झारखंड में पिछले एक सप्ताह से चल रहे सियासी मसले पर बयान दिया। उन्होंने हेमंत सोरेन के इस्तीफे से लेकर राज्य में सरकार गठन को लेकर कई बातें कही। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की इस्तीफे को लेकर कहा कि जब उन्हें ईडी हिरासत में ले चुकी थी तब वह राजभवन आये थे। इसके साथ सीएम के साथ 5 अन्य लोगों के आने की सूचना मिली थी। राज्यपाल ने कहा कि इसलिए राजभवन पर सवाल उठाना गलत है।
सुप्रियो ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को जवाब देते हुए कहा कि जब 31 जनवरी की शाम महागठबंधन के विधायक राजभवन पहुंचे तो उन्हें क्यों लौटा दिया गया। सुप्रियों ने कहा कि राज्यपाल जवाब दें कि जब उनके पास बहुमत के पर्याप्त आंकड़े थे तब सरकार बनने में इतनी देरी क्यों हुई। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद राज्य में 26 घंटे तक सरकार नहीं थी। अगर ऐसे में राज्य में आपात स्थिति बनती तो इसका जिम्मेदार कौन होता।
बिहार में चंद घंटों में सरकार बनाये जाने के सवाल पर राजयपाल ने कहा कि बिहार में नितीश कुमार ईडी के कस्टडी में नहीं थे। इस पर सुप्रियो ने कहा कि यही तो खेल है। जो बीजेपी की बात मानेगा, वो बचा रहेगा। जो नहीं मानेगा वी आज ईडी की गिरफ्त में है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बीजेपी की बात मान ली तो वहां चंद घंटों में सरकार का गठन हो गया।
सुप्रियो ने कहा कि हमारे पास 49 में से 43 विधायकों का समर्थन होने के बाद भी सरकार बनाने में इतनी देरी क्यों लगी। इसका जवाब राज्यपाल को देना चाहिए। सुप्रियो ने कहा कि राज्यपाल ने फिर से भ्रम की स्थिति पैदा करने की कशिश की। राज्यपाल ने कहा कि उन्हें 2 विधायकों ने फोन करके कहा था कि उनका समर्थन नयी सरकार गठन को लेकर नहीं है। राज्यपाल के पास केंद्र का सहयोग के साथ तंत्र है। उन्हें पता लगाकर बताना चाहिए की वो 2 विधायक कौन हैं।