रांची
राज्य सरकार की महिला सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर विफलता सामने आई है। बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता, राफिया नाज़ ने राज्य सरकार की महिला सुरक्षा पर कड़ी आलोचना की है। हाल ही में लोअर बाजार थाना क्षेत्र में सदर अस्पताल परिसर के डाक्टर स्टाफ क्वार्टर के तीसरे तल्ले में दो लड़कियों के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई। यह घटना मानवता को शर्मसार करने के साथ यह साबित करती है कि महिला अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थान पर भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। यह सिर्फ एक उदाहरण है, क्योंकि राज्य में पिछले कुछ दिनों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं। उदाहरण के तौर पर हाल में ही रिम्स में एक दवाई लेने आयी महिला के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई थी, तब ही सरकार को चौकस हो जाना चाहिए था और महिला सुरक्षा से संबंधित सख्त कदम उठाने चाहिए थे। क्योंकि ऐसी घटनाओं से राज्य की महिलाओं के बीच सुरक्षा को लेकर भय का माहौल उत्पन्न हो रहा है।
राफिया नाज़ ने कहा कि राज्य सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर पूरी तरह से सोई हुई है। न तो राज्य महिला आयोग का गठन हुआ है, और न ही अधिकांश पुलिस थानों में महिला पुलिस कांस्टेबल्स की पर्याप्त संख्या है। जिन थानों में महिला पुलिस कांस्टेबल्स हैं, उनकी संख्या बेहद कम है। इसके अलावा, राज्य में फास्ट ट्रैक कोर्ट्स का अभाव है, जिससे महिलाओं के खिलाफ अपराधों का त्वरित निपटारा नहीं हो पा रहा है। इससे अपराधियों को सजा मिलने में देरी हो रही है, जिससे समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध बर्दाश्त नहीं किए जा सकते। राज्य सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए ताकि महिलाओं को सुरक्षा मिल सके। महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। सरकार को महिला सुरक्षा के मामलों में अधिक सख्ती और जागरूकता की जरूरत है।
राफिया नाज़ ने कहा कि सरकार की ओर से महिलाओं के लिए शिक्षा, सुरक्षा, और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। राज्य में महिलाओं के लिए कोई प्रभावी योजना लागू नहीं की जा रही है, जिसके कारण वे सामाजिक और शारीरिक रूप से असुरक्षित महसूस कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर निरंतर हो रहे अपराधों से महिलाओं में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। हर दिन महिलाएं अपनी सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रही हैं और राज्य सरकार इसके लिए जिम्मेदार है।