द फॉलोअप डेस्क
झारखंड विधानसभा चुनाव का नतीजा कल आ चुका है। इसमें इंडिया गठबंधन ने 56 सीटों के साथ बहुमत हासिल की है। जबकि NDA को करारी हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि, इस चुनाव में कई नेता ऐसे रहे, जो दल बदलकर मैदान में उतरे थे। इनमें से कुछ की तो किस्मत चमक उठी। लेकिन कुछ नेता ऐसे भी रहे, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा। इन्हें मिला दल बदलने का फायदा, चमक उठी किस्मत
आजसू ने जब अपने दिग्गज नेता उमाकांत रजक का टिकट काटा, तो उन्होंने तीर-धनुष के सिंबल पर चुनाव लड़ा और भारी मतों से भाजपा के नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी को शिकस्त दी। वहीं, नॉमिनेशन से ठीक पहले JMM का दामन थामने वाले अमित महतो ने सिल्ली सीट पर जीत दर्ज की। अमित महतो ने सिल्ली में आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो को पछाड़ा। इसी तरह छत्तरपुर से राधाकृष्ण किशोर ने RJD का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ थामा। इसका उन्हें फायदा मिला और वो कांग्रेस के टिकट पर विजयी रहे। बता दें कि आजसू के रौशन लाल चौधरी ने उम्मीदवारों की घोषणा से महज कुछ देर पहले BJP का दामन थामा। भाजपा में आते ही रौशन लाल की किस्मत चमकी और उन्होंने बड़कागांव सीट पर जीत हासिल की। वहीं, भाजपा छोड़ झामुमो का दामन थामने वाली लुईस मरांडी भी जामा सीट पर जीतीं। इस चुनाव में हॉटसीट रही सरायकेला में भी JMM छोड़ BJP में आए पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कमल खिलाया। इन दल-बदलू नेताओं को मिली शिकस्त
इस विधानसभा चुनाव दल-बदलने वाले 10 से अधिक नेताओं को जनता ने नकार दिया। इनमें भाजपा से JMM में गये केदार हाजरा को हार मिली। साथ ही JMM छोड़कर BJP में शामिल हुए बाबूलाल सोरेन, BJP से JMM में गये गणेश महली को भी जनता ने नकार दिया। इसी तरह AJSU से बसपा के सिंबल पर चुनावी मैदान में उतरे शिवपूजन मेहता, कांग्रेस छोड़कर BJP में गयी गीता कोड़ा, JMM का दामन छोड़कर BJP का हाथ थामने वाली सीता सोरेन को भी चुनाव में पराजय मिली। वहीं, चुनाव से ठीक पहले BJP का दामन थामने वाले लोबिन हेंब्रम को भी जनता ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन्हीं की तरह BJP से कांग्रेस में गये लाल सूरज, कांग्रेस से BJP में शामिल हुए सन्नी टोप्पो और NCP से BJP में शामिल हुए कमलेश सिंह को भी चुनाव में शिकस्त मिली।