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सड़क किनारे सब्जी बेच रहे तीरंदाज जितेंद्र कुमार के सुधरेंगे हालात, सीएम के बाद मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भी लिया संज्ञान

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द फॉलोअप डेस्कः
हिंदुस्तान अखबार में एक खबर छपी थी कि तीरंदाजी में एनआईएस कोचिंग में डिप्लोमा कर चुके कोच जीतेंद्र कुमार सड़क किनारे सब्जी बेच रहे हैं। एक यूजर ने ट्वीटर पर अखबार की कटिंग डालकर सीएम हेमंत सोरेन को टैग किया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान लिया और खेल मंत्री मिथिलेश ठाकुर को मामले में त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। जिसके बाद मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने संज्ञान लेते हुए खेल विभाग के पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि जितेंद्र को जल्द से जल्द समुचित सुविधा प्रदान की जाए।


 

2013 में तीरंदाजी में रखा कदम
दरअसल बोकारो जिले के कसमार प्रखंड के बरईकला निवासी जीतेंद्र राष्ट्रीय तीरंदाज भी रहे परंतु रोजगार न मिलने के कारण पेट चलाने के लिए हर रोज सुबह होते ही कभी गांव में तो कभी कसमार व पेटरवार हाट बाजार में सब्जी बेचकर परिवार की जीविका चला रहे हैं। दरअसल जितेंद्र कुमार ने 2013 में तीरंदाजी के क्षेत्र में कदम रखा। 2018 तक 4 राष्ट्रीय टूर्नामेंट में पुराने खेल उपकरण से खेला। 2018 में ही तीरंदाजी से पहले छह सप्ताह का सर्टिफिकेट कोर्स किया। इसके बाद 2019 में झारखंड खेल प्राधिकरण में क्रीड़ा किसलय केंद्र में कोच के पद पर दैनिक 400 रुपये कार्य दिवस पर अंशकालीन कोचिंग करने का मौका मिला। पर सरकार की तरफ से कोई तीरंदाजी उपकरण नहीं मिलने के कारण प्रशिक्षण नहीं दे पाये। इसके बाद जीतेंद्र ने एनआईएस डिप्लोमा भी कर लिया। 


घर की माली हालत ठीक नहीं 
नवंबर 2021 में जीतेंद्र बोकारो जिले के दूसरे और झारखंड के 7वें तीरंदाजी एनआईएस क्वालिफाइड कोच बन गए। जीतेंद्र का कहना है कि राज्य में बोकारो समेत ऐसे आर्चरी सेंटर हैं, जहां वर्तमान में कोच के पद रिक्त हैं। सरकार चाहे तो उनको काम दे सकती है। गरीबी व तंगहाली में अपने घर में ही रहकर खेती का काम कर सब्जी उगाकर सब्जी बेचकर ही किसी तरह घर का गुजारा चला रहे हैं, क्योंकि पिता बूढ़े हो चुके हैं। घर की माली हालत गंभीर होने के कारण अब सब्जी बेचकर ही रोजी रोटी का जुगाड़ करना पड़ रहा है।