रांची
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के विधानसभा क्षेत्र में चिकित्सकों की कमी हो गयी है। क्षेत्र के 2 स्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं, जहां एक भी डॉक्टर नहीं है। साथ ही कई केंद्रों में चिकित्सकों की कमी है। कहीं चिकित्सक हैं भी तो तय संख्या के मुताबिक नहीं हैं। इस बाबत मरांडी ने स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को पत्र लिखा है औऱ समस्या के समाधान के लिए कहा है। मरांडी ने कहा है कि धनवार अन्तर्गत 7 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र / प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टरों के पदस्थापन की जरूरत है। उन्होंने इरफान को बधाई देते हुए कहा है, मेरे विधानसभा क्षेत्र धनवार में दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गांवा एवं तिसरी में, रेफरल अस्पताल धनवार में तथा 4 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र माल्डा, पिहरा, घंघरीकुरा एवं बलहारा में अवस्थित हैं। यहां कुल 32 डॉक्टरों का स्वीकृत पद है। लेकिन 32 डॉक्टरों के विरूद्ध मात्र 9 डॉक्टर ही पदस्थापित हैं। इनमें से भी एक-दो डॉक्टर दूसरे जगह प्रतिनियुक्त हैं।
दो स्वास्थ्य केंद्र माल्डा एवं बलहारा में एक भी डॉक्टर पदस्थापित नहीं हैं। जिसके कारण आस-पास के गांवों के मरीजों को ईलाज हेतु दूसरे स्वास्थ्य केंद्र में जाना पड़ता है, जो काफी दूरी पर है। आपको यह भी बताना चाहता हूं कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर पर्याप्त डॉक्टरों के नहीं रहने के कारण सैकड़ों मरीज को ईलाज के लिए भटकना पड़ता है। यहां तक कि मरीजों को गिरिडीह जिला अस्पताल तक जाना पड़ता है, जो करीब 90-95 किमी दूरी पर है। गरीब परिवार से आने वाले मरीजों को गिरिडीह जाने में कठिनाई होती है और समय पर ईलाज भी शुरू नहीं हो पाता है।
सरकार का दायित्व भी है कि लोगों को समुचित चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध हो इसके लिए विभाग को सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टरों का पदस्थापन स्वीकृत पद के अनुरूप होनी चाहिए। लेकिन इस बीते 5 साल में इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई। अब नई सरकार में आपसे अपेक्षा करता हूं कि इस विषय को आप गंभीरता से लेंगे।
मरांडी ने पत्र के साथ एक सूची भी जारी की है। इसमें कहा है कि समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, गाँवा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, माल्डा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पिहरा, समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, तिसरी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, घंघरीकुरा, रेफरल अस्पताल, धनवार और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बलहारा में खास तौर पर चिकित्सकों की कमी है।