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रांची में धर्म परिवर्तन के खिलाफ शंकराचार्य का बयान, कहा कठोर सजा का हो प्रावधान

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द फॉलोअप डेस्क 
रांची के हरमू रोड स्थित मारवाड़ी भवन में गुरुवार को आयोजित धर्म सभा में द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने धर्म परिवर्तन और भारतीय संस्कृति पर अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन कराने वालों के लिए कठोर सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए। स्वामी सदानंद सरस्वती ने सभा में कहा हमारी भारतीय सभ्यता हमेशा सत्य, अहिंसा और धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश देती है। धर्म पथ पर चलकर आत्मा की शुद्धि करनी चाहिए। अहंकार मनुष्य के जीवन को नष्ट कर देता है और हमें संत, पंथ और ग्रंथ की रक्षा करनी चाहिए। हमें यह याद रखना चाहिए कि हिंदू धर्म का ज्ञान हर व्यक्ति को होना चाहिए।जीवन में नैतिक मूल्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। धर्म सभा में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन, और अन्य प्रमुख नेता जैसे बसंत मित्तल, रविशंकर शर्मा, मनोज बजाज, और प्रमोद साश्वत भी उपस्थित थे। धर्म सभा ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि सभी को अपने धर्म की रक्षा करनी चाहिए और समाज में नैतिक मूल्यों की अहमियत को समझना चाहिए। शंकराचार्य के इस संबोधन ने कई महत्वपूर्ण सवालों को छेड़ा है, जिसमें धर्म परिवर्तन और समाज के नैतिक दायित्व की चर्चा प्रमुख है।

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